मनीष सिसोदिया ने कहा दिल्ली में महिलाओ को मिल रहा है ये फायदा

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मेट्रो मैन के नाम से प्रसिद्ध श्रीधरण को एक लेटर लिखा है. मनीष सिसोदिया ने बोला कि मैंने श्रीधरण साहब को लेटर लिखा है  बताया है कि दिल्ली मेट्रो घाटे में चल रही है.

दिल्ली मेट्रो की क्षमता हर दिन 40 लाख यात्रियों को यात्रा कराने की है, मगर वैसे रोज 25 लाख यात्री सफर कर रहे हैं. बता दें कि श्रीधरण ने शुक्रवार को प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को एक लेटर लिखा था  दिल्ली सरकार के प्रस्ताव- स्त्रियों के लिए मुफ्त यात्रा को नुकसानदायक बताया था.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मनीष सिसोदिया ने बोला कि स्त्रियों के लिए फ्री मेट्रो सेवा का हमारा प्रस्ताव दिल्ली मेट्रो के लिए लाभकारी होगा. इससे मेट्रो के यात्रियों की संख्या बढ़ेगी  किराए में कमी आएगी. अगर दिल्ली सरकार महिला यात्रियों का किराया चुकाती है, तो दिल्ली मेट्रो को इससे खुश होना चाहिए.

इससे पहले आम आदमी पार्टी ने स्त्रियों को मुफ्त यात्रा सुविधा का फायदा देने से मेट्रो रेल की कार्यक्षमता प्रभावित होने  मेट्रो को नुकसान होने की दिल्ली मेट्रो मैन के नाम से प्रसिद्धमेट्रो के पूर्व प्रबंध निदेशक ई श्रीधरन की संभावना को निराधार बताते हुये बोला था कि इस सुविधा पर होने वाले खर्च का वहन दिल्ली सरकार करेगी.

गौरतलब है कि श्रीधरन ने पीएम नरेन्द्र मोदी को लेटर लिखकर मेट्रो में स्त्रियों को मुफ़्त यात्रा सुविधा देने की दिल्ली सरकार की पहल को दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन (डीएमआरसी) के लिए नुक़सानदायक बताते हुए इसकी स्थान सब्सिडी की राशि सीधे स्त्रियों के बैंक खाते में जमा करने का सुझाव दिया है.

दिल्ली में सत्तारूढ़ आप के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने इस पर रिएक्शन जाहीर करते हुये बोला कि इस बारे में श्रीधरन  दिल्ली सरकार के दृष्टकोंण में अंतर है. उन्होंने कहा, ”श्रीधरन का विचार है कि दिल्‍ली मेट्रो में महिलायें मुफ्त में सफर करेंगी तो इससे डीएमआरसी को नुकसान होगा  उसकी कार्यक्षमता घटेगी. मैं श्रीधरन जी को यह बताना चाहता हूं कि दिल्‍ली मेट्रो को इसमें एक रुपये का भी नुकसान नहीं होगा.

भारद्वाज ने बोला कि मेट्रो में स्त्रियों के किराये का दिल्‍ली सरकार मेट्रो प्रबंधन को भुगतान करेगी. इसलिये मेट्रो की कार्यक्षमता  यात्रा की गुणवत्ता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.उन्होंने महिला यात्रियों के किराये की एकमुश्त राशि सीधे बैंक खाते में सरकार द्वारा जमा कराने के श्रीधरन के सुझाव में व्यवहारिक खामियां बताते हुये बोला कि इसका आंकलन करना व्यवहारिक नहीं है कि एक महिला औसतन महीने में कितनी यात्रा करती है.