एक तरफ पर्यावरण संरक्षण के लिए जहां प्रदेश भर में लाखों पेड़ लगाए जा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ झारखंड की राजधानी रांची का ऐतिहासिक पहाड़ी मंदिर भी इस सावन एक कीर्तिमान स्थापित करेगा। जी हां, भक्त भोले बाबा में दूध व फल के साथ पौधे का भी चढ़ावा करेंगे।
श्रावणी महोत्सव को लेकर राजधानी रांची का ऐतेहासिक पहाड़ी मंदिर तैयार है। बड़ी संख्या में शिवभक्त रांची पहाड़ी मंदिर भी पहुंचते हैं व बाबा को चढ़ावा चढ़ाते हैं। लेकिन इस बार बाबा की भक्ति के दौरान पर्यावरण की जिम्मेदारी भी देखने को मिलेगी। इस बार बाबा के भक्त दूध व फल के साथ बाबा पर पौधे भी चढ़ाएंगे।
पर्यावरण की रक्षा को लेकर जिले प्रसाशन की सबसे अपील है कि चढ़ावे के साथ पौधे का भी चढ़ावा करें ताकि फिर अपने घर जाकर पौधरोपण करें व प्रदेश में हरियाली की नयी मिसाल लिखी जाए।
जिला प्रसाशन के इस पहल से शिवभक्तों में बहुत ज्यादा खुशी देखी जा रही है। भक्तों का मानना है कि बाबा भोले सारे दुनिया के पालनहार हैं व ऐसे में भक्तों को भक्ति के साथ पर्यावरण की रक्षा करने का मौका मिले तो भला इससे बेहतर क्या होगा। भक्त भी तमाम लोगों से इस मुहीम में शामिल होने की अपील करते दिख रहे हैं।
जिला प्रसाशन की यह पहल यकीनन सराहनीय है व ऐसे में अगर बाबा को चढ़ावे में पौधों को भी शामिल किया गया व यह योजना पूरी तरह पास हुई तो ये वाकई मील का पत्थर साबित होगी।