भारत इस देश के साथ मिलकर बनाने जा रहा ये खतरनाक हथियार, चीन की बढ़ी टेंशन

भारतीय सशस्त्र बलों ने वर्षों में इजरायली हथियार प्रणालियों की एक विस्तृत सीरीज को शामिल किया है, जो फाल्कन AWACS, बगुला विरोधी मिसाइल रक्षा प्रणालियों और स्पाइडर क्विक-रिएक्शन के लिए हेरोन, खोजकर्ता-द्वितीय और हारोप ड्रोन से लेकर विमान भेदी मिसाइल प्रणाली है।

इजरायल की मिसाइलों और परिशुद्धता-निर्देशित मून की मेजबानी, पायथन और डर्बी एयर-टू-एयर मिसाइलों से लेकर क्रिस्टल और स्पाइस-2000 बम शामिल हैं। स्पाइस-2000 पैठ बम भारतीय मिराज-2000 द्वारा पिछले साल फरवरी में पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्‍म्‍द पर बमबारी के लिए इस्तेमाल किया गया था। इजरायल के साथ भारत के कई रक्षा सौदे होने हैं, जिनमें IAF दो और “फाल्कन” AWACS प्राप्त करने के लिए 1.5 बिलियन डॉलर खर्च करेगा।]

दोनों देशों के बीच यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है, जब भारतीय सशस्त्र बल अगली पीढ़ी की बराक-8 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली को डीआरडीओ-इजरायल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज के 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं के तहत शामिल कर रहे हैं। भारतीय कंपनियों के साथ IAI, राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम, एलबिट और एल्टा सिस्टम्स जैसी इजरायली कंपनियों ने भी सात संयुक्त उपक्रम बनाए हैं।

इजरायल लगभग दो दशकों से भारत में शीर्ष चार हथियार आपूर्तिकर्ताओं में से है, जो हर साल लगभग 1 बिलियन डॉलर की सैन्य बिक्री करता है। “भारतीय रक्षा उद्योग अब मजबूत होने के साथ ही दोनों देशों के लिए अधिक आरएंडडी, सह-विकास और सह-उत्पादन परियोजनाओं को स्थापित करने की आवश्यकता महसूस की गई”

भारत और इज़राइल अब उच्च तकनीक वाले हथियार प्रणालियों के सह-विकास और सह-उत्पादन परियोजनाओं को लेकर एक बड़ी योजना बना रहे हैं। मोदी सरकार अब मित्र देशों को हथियार निर्यात करके अपनी पहले से ही विस्तारित रक्षा साझेदारी को और अधिक मजबूत करेगी।