भारतीय वायु सेना में शामिल हुआ ये नया लड़ाकू विमान

अपाचे हमले के हेलीकॉप्टरों के पहले बैच को भारतीय वायु सेना में शामिल होने की आसार है. हिंदुस्तान के रक्षा विभाग की शक्ति बढ़ाने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 3 सितंबर पठानकोठ में ये कदम उठाएंगे.

इसके लिए हेलीकॉप्टर का पहला जत्था करीब तीन सप्ताह पहले हिंडन एयरबेस पर एक एंटोनोव विमान पर पहुंचा था. हाल ही हिंदुस्तान ने अमेरिका से अपाची हेलीकॉप्टर एसच-64 लिया था. पहले चार हेलिकॉप्टरों के बाद, इसके बाद बैच एयर बेस में आ गया था  आठ अपाचे को पहली बार में भारतीय वायुसेना में शामिल किए जाने की आसार है जताई जा रही है.

रक्षा मंत्रालय ने 2 वर्ष बाद लिया ये फैसला

रक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2015 में 22 एएच 64 अपाचे हेलीकाप्टरों के उत्पादन, प्रशिक्षण  समर्थन के आदेश को अंतिम रूप दिया था. इसके लिए रक्षा मंत्रालय ने 2015 में 22 एएच -64 अपाचे हमले हेलीकाप्टरों के उत्पादन, प्रशिक्षण  समर्थन के आदेश को अंतिम रूप दिया था. इसके दो वर्ष बाद, केन्द्र सरकार ने इंडियन आर्मी के लिए अलावा छह अपाचे के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी.

साल 2020 तक 22 अपाचे भारतीय वायुसना में शामिल करने का लक्ष्य

भारत 2020 तक, बोइंग 22 अपाचे के सारे बेड़े के संचालन करने की जिम्मेदारी भारतीय वायु सेना को सौंप देगा. ऐसे करने के बाद वायुसेना विभाग की जिम्मेदारी में इजाफा होगा.

साल 2018 में भारत- अमेरिकी कंपनी की नहीं हो पाई थी ये डील

भारत ने वर्ष 2018 में अमेरिकी कंपनी के साथ एक डील पर हस्ताक्षर होने थे इस डील के अनुसार अमेरिकी कंपनी हिंदुस्तान को 15 हेवी हेलीकॉप्टर को 3 बिलियन में भेजेंगे ये सौदा यूपीए काल के दौरान शुरु हुआ था, लेकिन इस किसी वजह के चलते इस डील पर हस्ताक्षर नहीं हो पाए थे.

अपाचे हेलिकॉप्टरोंलद्दाखके साथ इन कामों के लिए होगा इस्तेमाल25 मार्च को, भारतीय आर्मी सेना के चीफ एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ नेअपाची हेलिकॉप्टरों की आधिकारिक प्रेरण के लिए चंडीगढ़ में एक समारोह की अध्यक्षता की थी. इस दौरान साफ बताया गया था कि ऐसे हेलिकॉप्टरों का प्रयोग लद्दाख के पर्वतीय क्षेत्र  सेना  वायु सेना की जरूरतों के लिए अन्य क्षेत्रों में भारी वजन के लिए किया जाएगा.