इन्होंने मुंबई पर आतंकी हमलों के बाद हुई आलोचनात्मक बातों के बाद 30 नवंबर 2008 में गृहमंत्री पद से त्याग पत्र दे दिया व सुरक्षा विलंब के लिए नैतिक जिम्मेदारी ली. 1967 में वह लोकल गवर्नमेंट में शामिल हुए, केशवराव सोनवणे व माणिकराव सोनवणे ने शिवराज पाटिल को लातूर निर्वाचन एरिया से खड़े होनेमें मदद की थी. सन 1973 से 1980 तक, 1973 से 1978 व 1978 से 1980 तक वे दो पदों के लिए महाराष्ट्र विधानसभा के लातूर रालर निर्वाचन एरिया के विधायक थे. जिसके दौरान उन्होंने सार्वजनिक उपक्रम समिति के अध्यक्ष, उपमंत्री, विधानसभा के उप सभापति व विधानसभा अध्यक्ष के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन किया.
देश में पहली बार इंदिरा गांधी ने गवर्नमेंट में उन्हें पहली बार शामिल किया व वे इंदिरा गवर्नमेंट में रक्षा राज्य मंत्री के पद पर रहे. उन्हें वाणिज्य मंत्रालय में 1982 से 1983 तक का स्वतंत्र प्रभार दिया गया. उन्होंने संसद के सदस्यों की रक्षा, विदेश मामलों, वित्त मामलों व वेतन संबंधी विभिन्न समितियों पर भी काम किया पाटिल जी ने राजीव गांधी गवर्नमेंट में भी रक्षा उत्पादन मंत्री के पद पर भी अपनी सेवाएं दी हैं व बाद में वे नागरिक उड्डयन व पर्यटन के स्वतंत्र प्रभारी बने.