भारतीय एयरफोर्स का यह लड़ाकू विमान अक्सर होता है हादसों का शिकार

भारतीय एयरफोर्स का लड़ाकू विमान मिग-21 अक्सर हादसों का शिकार होता रहता है. अभी तक कई वायुसेना के कर्मी इसके हादसे का शिकार बन चुके हैं. समय-समय पर वायुसेना की इस कारण आलोचना होती रहती है. इस पर अब एयरफोर्स चीफ बीएस धनोआ ने भी तंज कसा है. उन्होंने बोला कि हम अब भी 44 वर्ष पुराने मिग-21 चला रहे हैं, जबकि इतने वर्ष बाद कोई अपनी कार तक नहीं चलाता. इंजीनियरों के रख-रखाव  मेहनत के कारण ऐसा संभव हो पा रहा है.

वायुसेना के आधुनिकीकरण  स्वदेशीकरण को लेकर हो रहे सेमिनार में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में एयरचीफ मार्शल ने बोला कि वायुसेना का मिग 21 विमान चार दशक से ज्यादा पुराना हो गया है, लेकिन अभी भी यह सेना की रीढ़ बना हुआ है. मिग-21 लड़ाकू विमान सैकड़ों बार हादसे का शिकार बन चुका है. एयरचीफ ने बताया कि संसार में शायद ही कोई देश इतना पुराना लड़ाकू विमान उड़ाता है. हमारे पास इसका विकल्प भी नहीं है.

विपरीत परिस्थितियों के बावजूद वायुसेना सारे दमखम के साथ इसके भरोसे न केवल सरहद की हिफाजत करती है बल्कि शत्रु की चुनौतियों का जवाब भी देती है. वहीं रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बोला कि भारतीय वायुसेना एक पेशेवर वायुसेना है, बालाकोट हमले के बाद संसार ने हमारा लोहा माना है.

भारतीय एयरफोर्स के पास अगले महीने लड़ाकू विमान ‘राफेल’ की पहली खेप आ जाएगी, जबकि 2022 तक 36 राफेल लड़ाकू विमान विमान सेना के बेड़े में शामिल हो जाएगा. आने वाले वक्त में 114 लड़ाकू विमान भी एयरफोर्स के पास होंगे, जिसके लिए टेंडर जारी हो चुका है. ये सब बातें एयरचीफ धनोआ दिल्ली में एयरफोर्स ऑडिटोरियम में हो रहे सेमिनार में बोल रहे थे. बताते चलें कि राफेल लड़ाकू विमान विमान सौदे को लेकर विपक्ष ने इसे बड़ा मामला बनाया था.