भाजपा के गिरिराज सिंह से हो सकती है कन्हैया कुमार की टक्कर

जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष रह चुके कन्हैया कुमार बेगूसराय से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी से उनका लड़ना तय हो चुका है और पार्टी की जिला इकाई ने उम्मीदवारी के लिए राज्य कार्यकारिणी को कन्हैया का नाम रिकमेंड कर दिया है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी से मंजूरी मिलने के बाद इसकी घोषणा की जाएगी।

भाकपा सूत्रों के अनुसार, कन्हैया का बेगूसराय सीट से नाम फाइनल हो चुका है। जिला इकाई को उम्मीद है कि राज्य कार्यकारिणी मार्च के पहले सप्ताह में होने वाली बैठक में उनके नाम को अनुमोदन कर देगी।

महागठबंधन में अब तक सीट बंटवारा तय नहीं
बिहार में भाकपा का राजद, कांग्रेस आदि दलों के साथ महागठबंधन है, लेकिन सीट बंटवारा अभी तय नहीं हुआ है। बेगूसराय सीट यदि भाकपा के खाते में गई तो ठीक, नहीं तो कन्हैया का महागठबंधन से लड़ना मुश्किल हो सकता है।

इधर, भाकपा सूत्रों से खबर है कि सीट शेयरिंग का मसला सुलझे या नहीं सुलझे, कन्हैया हर हाल में बेगूसराय से चुनाव लड़ेंगे। बेगूसराय के अलावा पार्टी तीन अन्य सीटों मोतिहारी, खगड़िया और मधुबनी पर दावा कर रही है। भाकपा नेता डी राजा इन सीटों पर अपना दावा लालू प्रसाद से मिलकर जता चुके हैं।

एनडीए में बिहार की बेगूसराय सीट भाजपा के खाते में थी, जहां से भोला सिंह सांसद रहे। पिछले साल उनके निधन के बाद यह सीट रिक्त है। पिछले दिनों बिहार के सियासी गलियारे में चर्चा हो रही थी कि बेगूसराय से बिहार भाजपा के कद्दावर नेता और वर्तमान में सूक्ष्म एवं लघु उद्योग मंत्री गिरिराज सिंह को टिकट दिया जा सकता है।

वह अभी नवादा से सांसद हैं। चूंकि उनका मूल निवास लखीसराय जिला का बड़हिया रहा है और बेगूसराय से सटा है, तो ऐसे में वोट की दृष्टि से उनका जातीय और राजनीतिक समीकरण भी यहां फिट बैठ रहा है। हालांकि बेगूसराय से उनकी उम्मीदवारी अब तक तय नहीं हुई है।

इधर, जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष रह चुके कन्हैया पर जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने का आरोप लग चुका है। हालांकि मामला न्यायालय में विचाराधीन है। भाजपा के नेता-कार्यकर्ता उन पर देशद्रोह का आरोप लगाते रहे हैं। ऐसे में बेगूसराय सीट से यदि गिरिराज सिंह को टिकट दिया जाता है तो कन्हैया के साथ उनकी चुनावी टक्कर देखना दिलचस्प होगा।