भांजे उस्‍मान हैदर की मौत से तिलमिलाया जैश का सरगना

जैश-ए-मोहम्‍मद के कमांडर और आतंकी मौलाना मसूद अजहर ने जम्‍मू कश्‍मीर में हुए एनकाउंटर के दौरान अपने भांजे अबु उस्‍मान उर्फ उस्‍मान हैदर के मारे जाने की पुष्टि कर दी है। मंगलवार को दक्षिण कश्‍मीर के त्राल में हुए एनकाउंटर में सेना और सुरक्षाबलों ने उस्‍मान को ढेर कर दिया था। सुरक्षाबलों ने पुलवामा जिले में आने वाले त्राल में दो आतंकियों को ढेर कर दिया था। इस एनकाउंटर में ही उस्‍मान मारा गया था। एनकाउंटर त्राल के छानकीतार गांव में हुआ था। इस एनकाउंटर में उस्‍मान और एक और आतंकी मारा गया था। दूसरे आतंकी का नाम शौकत हैदर बताया गया था।

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कश्‍मीर से निकालेंगे भारत को

मसूद अजहर ने अपने भांजे के मारे जाने के बाद उसके नाम पर एक संदेश भी जारी किया है। इस ऑडियो संदेश में कंधार हाइजैक में रिहा हुए मुख्‍य आतंकी अजहर ने कहा है कि उसका भांजा इस एनकाउंटर में मारा जा चुका है। इस संदेश में अजहर ने भारत को धमकी भी दी है। उसने कहा है कि कश्‍मीर में रह रहे लोगों के पास अब सिर्फ कुछ ही विकल्‍प बचे हैं, या तो वह भरोसा न करें या फिर लगातार हो रहे अत्‍याचार को सहन करते रहें या फिर हमारे साथ काम करें ताकि कश्‍मीर से हम बलपूर्वक भारत को बाहर कर सकें। मसूद अजहर ने अपने भांजे को ‘शहीद’ बताया और कहा कि यह संदेश आप सबके लिए उस्‍मान की तरफ से है। उस्‍मान का कश्‍मीर में दाखिल होना किसी दूसरे देश में घुसपैठ करना नहीं था बल्कि भारत का कश्‍मीर में दाखिल होना घुसपैठ है। कश्‍मीर भारत का हिस्‍सा नहीं है। अजहर की मानें तो यह काफी हैरान करने वाली बात है कि भारत अभी तक इसे अपना हिस्‍सा कहता आया है।

स्‍नाइपर स्‍क्‍वायड को लीड कर रहा था उस्‍मान

दोनों आतंकियों के पास से सुरक्षाबलों को भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद हुआ था। एम4 और एक-47 राइफल्‍स के अलावा कुछ और खतरनाक मैटेरियल सेना को मिला था। अधिकारियों की ओर से बताया गया था कि उस्‍मान इब्राहीम की मौत सुरक्षाबलों के लिए बड़ी जीत है। इब्राहीम घाटी में सक्रिय जैश की स्‍नाइपर स्‍क्‍वायड का डिप्‍टी था। त्राल में चलाए गए ऑपरेशन को सीआरपीफ, राष्‍ट्रीय राइफल्‍स और जम्‍मू कश्‍मीर पुलिस के स्‍पेशल ऑपरेशन ग्रुप की ओर से अंजाम दिया गया था। अधिकारियों ने जानकारी दी थी कि दोनों आतंकी सुरक्षाबलों पर हुए ऐसे आतंकी हमलों में शामिल थे जिन्‍हें कुछ ही दूरी से अंजाम दिया गया था। मारे गए आतंकियों के पास सुरक्षाबलों को जो एम-4 कार्बाइन मिली थी जिसमें आतंकियों ने दावा किया था इसका प्रयोग सुरक्षाबलों पर स्‍नाइपर अटैक के लिए किया गया था।

सितंबर से स्‍नाइपर अटैक की रणनीति पर आतंकी

सितंबर माह के मध्‍य से तीन सुरक्षाकर्मी एक ही तरह के पैटर्न में हुए हमलों का शिकार बने और शहीद हो गए थे। अधिकारियों ने आतंकियों की इस बदली हुई रणनीति को फेल करने के लिए नए कदम उठाए। सुरक्षाबलों ने जब हमलों की पड़ताल की तो उन्‍हें मालूम चला कि तीनों ही जवानों को एक ही तरह की रणनीति से मारा गया था और एक ही तरह के हमलों में यह शहीद हुए थे। घाटी में 18 सितंबर को पहला स्‍नाइपर अटैक रिकॉर्ड हुई था। इस हमले में सीआरपीएफ का एक जवान घायल हो गया था। इसके बाद पिछले हफ्ते नौगाम में हुए स्‍नाइपर अटैक में सीमा सशस्‍त्र बल (एसएसबी) जवान और सेना का एक जवान शहीद हो गए थे। यह हमला भी स्‍नाइपर अटैक ही था। इंटेलीजेंस एजेंसियों का मानना है कि जैश के दो ग्रुप जिसमें दो आतंकी शामिल हैं, सितंबर माह में घाटी में दाखिल हुए थे। एजेंसियों ने माना था कि स्‍नाइपर अटैक वाली टीम में पाकिस्‍तान की इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई की ओर से ट्रेनिंग हासिल करने वाले आतंकी शामिल थे।