एशिया महाव्दीप में आयी भंयकर बाढ़ को देखते हुए ,संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भारत,बांग्लादेश,नेपाल और म्यांमार में आई बाढ़ से हुए जन माल पर नुकसान पर दुख व्यक्त किया है।उन्होंने कहा है कि जरूरत पड़ने पर विश्वसंस्था मदद के लिए सदैव तत्पर है।
गुटेरेस के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों के मुताबिक, भारत में भारी बारिश के बाद आई बाढ़ से 10 लाख लोगों को विस्थापन का शिकार होना पड़ा है जबकि 44 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
इन दिनो भारत के अधिकतर हिस्सों में बाढ़ से हालात बेकाबू है।बिहार और असम में स्थिति बेहद मुश्किल हो रही है,इन दोनो राज्यो में 59 लाख लोग बाढ़ की चपेट में है। बाढ़ के कारण 20 हजार लोगों ने राहत शिविरों में शरण ले रखी है।
असम में हालात इतने खराब है कि,राज्य सरकार को राहत और बचाव कार्य के लिए सेना बुलानी पड़ी है। बिहार में बाढ़ से अब तक 46 लोगों की मौत हो चुकी है।
वही दक्षिण पूर्वी नेपाल में हाल ही में हुई भारी वर्षा के कारण 67 लोगो की मौत हो चुकी है।जबकि 16,500 लोगो को घर छोडना पडा है।संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि बाढ़ से प्रभावित लोगों को भोजन और साफ पानी समेत अन्य सामानों की जरूरत है।
प्रवक्ता ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने इस प्राकृतिक आपदा में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति शोक संवेदना जताई है। बयान के मुताबिक, म्यांमार में 21 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हुए है। संयुक्त राष्ट्र ने बाढ़ पीडितों की हर संभव मदद करने की बात कही है।