बढ़ता कमर का घेरा कई दिक्कतों का कारण बनता है. यह न सिर्फ रोगों को बढ़ाता है बल्कि चलने-फिरने व जोड़ों को भी प्रभावित करता है. ऐसे मेें कुछ योगासनों से पेट की चर्बी कम कर सकते हैं. ये योगासन चर्बी घटाने के साथ कई तरह से फायदा देते हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में :-
शलभासन
ऐसे करें : पेट के बल लेटें व हथेलियां जांघों के नीचे रखें. ठोडी को जमीन से लगाएं व धीरे-धीरे पैरों को ऊपर उठाएं.घुटनों को मुड़ने दें. दोनों पैरों को जितना ऊपर ला सकते हैं, लाएं. कुछ सेकंड इस स्थिति में रुकें. धीरे-धीरे पूर्वावस्था में आएं. 30-30 सेकंड के 5 राउंड करें. आंखें बंद व एकाग्रता पीठ और पेट पर हो.
ये न करें : पीठ या कमर में अधिक दर्द हो, तो एक पैर से भी इसे किया जा सकता है. हर्निया और अपेंडिक्स के मरीज इसे न करें.
फायदे : यह जोड़ों के दर्द के अतिरिक्त पाचनशक्ति बढ़ाता है व एसिडिटी की समस्या से भी निजात दिलाता है.
शशांकासन
ऐसे करें : इसे करने के लिए वज्रासन मुद्रा में बैठ जाएं व आंख बंद करें. सांस लेते हुए अपने हाथों को ऊपर उठाएं. अब धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें व हाथों को स्ट्रेच करते हुए जमीन पर छुएं.
ये न करें : पेप्टिक अल्सर से पीडि़त लोग व गर्भवती महिलाएं इसे न करें. इसके अतिरिक्त अगर घुटने में दर्द, पीठदर्द, हाई बीपी व आर्थराइटिस के मरीज हैं तो वज्रासन में न बैठें.
फायदे : यह आसन स्फूर्ति लाने के साथ स्लिम बनाता है. यह पेट की मांसपेशी को टोन करता है. इसके अतिरिक्त यह शरीर का रक्तसंचार बढ़ाकर पेट और लिवर की कार्यक्षमता बढ़ाता है.
धनुरासन
ऐसे करें : पेट के बल लेटें. दोनों पैरों को घुटने से मोड़ लें. दोनों हाथों से दोनों पैरों को टखने के पास से पकड़ लें व धीरे-धीरे शरीर को ऊपर की ओर खींचें. हाथ एकदम खिंचे होने चाहिए.कुछ सेकंड इस मुद्रा में रुकें. ध्यान रखें कि शरीर सरलता से जितना मुड़ सके उतना ही मोड़ें. जल्दबाजी न करें.
ये न करें : पेटदर्द, पीठदर्द, गर्दनदर्द व घुटने के दर्द में यह आसन न करें.
फायदे : यह शरीर को लचीला बनाकर रक्तसंचार बेहतर करता है. सांस संबंधी समस्याओं जैसे अस्थमा व ब्रॉन्काइटिस में भी ये योगासन लाभकारी है.