भवानी ईशपति। ये वो भारतीय महिला है जो ऐसी बीमारी से जूझ रही है, जिससे बचने की दवा ब्रिटेन में ही उपलब्ध है। महिला के वकीलों ने दावा किया है कि ये दवा हिंदुस्तानमें इस समय उपस्थित नहीं है।
31 वर्षीय इस महिला के चिकित्सकों का बोलना है कि अगर महिला को यात्रा करनी पड़ी तो उसकी जान को खतरा होने कि सम्भावना है। किन्तु ब्रिटेन का गृह मंत्रालय ने इस महिला इसी हाल में जबरदस्ती हिंदुस्तान प्रत्यर्पित करने पर अमादा है।
भवानी ईशपति 2010 में पढ़ाई के सिलसिले में ब्रिटेन गई थी। यहां पर वह आर्ट्स इंडस्ट्री में काम कर रही थी। तभी वो क्रोहन नाम की गंभीर बीमारी की शिकार हो गई। ये बीमारी पाचन तंत्र की समस्या से संबंधित है। इस बीमारी से इलाज के लिए उसे विशेष इम्युनोसुप्रेसैंट की जरुरत है। इस बीमारी के कारण उसके आंतों में सूजन आ गई है। भवानी को ब्रिटेन से प्रत्यर्पित करने की चिट्ठी उसके पास तब पहुंची जब वह एक बड़े ऑपरेशन के बाद कोमा में थी व उनके मंगेतर मार्टिन मैंगलर ने फैसला के विरूद्ध अपील की।
उसके डॉक्टरों ने चिकित्सा पत्रों में बोला है कि अगर महिला को इस अवस्था में यात्रा करनी पड़ी तो उसकी जान को खतरा होने कि सम्भावना है। भवानी ने बोला है कि उसे नहीं लगता है कि जब मेरे शरीर में चारों ओर ट्यूब लगे हुए हैं तो वो मुझे जबरदस्ती प्लेन में चढ़ा देंगे, किन्तु मैंने ये भी कहानियां सुनी है कि वे बगैर कानूनी सहायता का मौका दिए लोगों को वापस भेज देते हैं।