ब्राजील की सेना में कैप्टन रहे जैर बोलसोनारो को रविवार को ब्राजील का राष्ट्रपति चुना गया है। राष्ट्रपति बोलसोनारो ने देश में मौलिक बदलावों का वादा देश की जनता से किया है। बोलसोनारो, ब्राजील के एक ऐसे राष्ट्रपति हैं जिन्होंने सैन्य शासन के दौरान सेना की ओर से होने वाली प्रताड़ना को सही करार दिया है और इसका समर्थन किया है। इसके अलावा बोलसोनारो महिला विरोधी, नस्लभेदी और समलैंगिकता विरोधी करार दिए जाते हैं। लेकिन बोलसोनारो ने देश में मौजूद अपराध, भ्रष्टाचार और आर्थिक व्यवस्था के लिए वोटर्स को गुस्सा भांपा और इसका सीधा फायदा उन्हें हासिल हुआ।
ब्राजील की किस्मत बदलेंगे बोलसोनारो .
आधिकारिक नतीजों में बोलसोनारा को 55.13 प्रतिशत वोट हासिल हुए जबकि उनके विरोध लेफ्ट पार्टी के फेरनांदो हाद्दाद को 44.87 प्रतिशत वोट्स मिले। 99.99 प्रतिशत बैलेट्स की गिनती के बाद ये नतीजे हासिल हुए। 63 वर्ष के बोलसोनारो एक जनवरी को अपना पदभार संभालेंगे। जीत हासिल करने के बाद बोलसोनारो ने जो विक्ट्री स्पीच दी, उसमें कहा, ‘हम साथ में मिलकर ब्राजील की किस्मत को बदलेंगे।’ इस विक्ट्री स्पी को उनके फेसबुक पेज से लाइव ब्रॉडकास्ट किया गया था। छह सितंबर को बोलसोनारो पर हमला हुआ था। उनके पेट पर चाकू से वार किया गया था और तब से ही वह फेसबुक के जरिए ही चुनाव प्रचार में लगे हुए थे।
सैन्य शासन के मुरीद हैं जैर बोलसोनारो
कुछ लोग उन्हें ‘ट्रॉपिकल ट्रंप’ करार दे रहे हैं यानी बिल्कुल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जैसा। बोलसोनारो ने बाइबिल और संविधान के तहत ही शासन करने का प्रण लिया। उन्होंने कहा, ‘हम समाजवाद, मार्क्सवाद, पॉपुलिज्म के बीच ही उग्रवाद से प्यार नहीं कर सकते हैं।’ लेकिन कई वर्षों से ब्राजील की कांग्रेस के सदस्य रहे बोलसोनारो ने ‘संविधान, लोकतंत्र और आजादी’ की रक्षा के वादे के बीच ही विरोधियों को चेतावनी भी दी वे अथॉरिटीज को चुनौती देने की कोशिशें न करें। इसके साथ ही उन्होंने ब्राजील में साल 1964 से 1985 तक लागू सैन्य तानाशाही को भी स्वीकृति दे डाली।