अगर आप फ्लाइट से सफर करते हैं तो आपको आने वाले कुछ दिनों में इसके लिए अधिक खर्च करने पड़ सकते हैं। गवर्नमेंट ने हाल में किए निर्णय में विमानों में ईंधन के रूप में प्रयोग होने पर आयात शुल्क में बढ़ोतरी कर दी है। जाहिर तौर पर इससे विमानन कंपनियों पर वजन बढ़ेगा। ऐसे में एयरलाइंस कंपनियां बढ़े खर्च का वजन यात्रियों पर किराया बढ़ोतरी के रूप में डाल सकती है।
ईंधन की बढ़ती कीमतें, कड़ी प्रतिस्पर्धा व बढ़ते खर्च का बोझ यात्रियों पर नहीं डाल पाने की वजह से पहले से ही एयरलाइंस कंपनियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। अब एटीएफ पर पांच प्रतिशत शुल्क लगा देने से इन कंपनियों का संकट व बढ़ जाएगा। एयरलाइंस कंपनियों के कुल खर्च में एटीएफ की बड़ी किरदार है।
इकोनॉमिक टाइम्स की समाचार के मुताबिक, पिछले कुछ समय से विमानन कंपनियों ने अक्टूबर में हवाई टिकट की कीमतें बढ़ने के इशारा दिए हैं। यहां बता दें कि अक्टूबर से छुट्टियों की बुकिंग एकदम से बढ़ जाती है। जानकारों का भी कहना है कि यह आयात शुल्क विमानन उद्योग पर प्रभाव डालेगा। ट्रैवल पोर्टल यात्रा डॉट कॉम के मुख्य परिचालन ऑफिसर(सीओओ) शरत ढल का कहना है कि विमान ईंधन पर पांच प्रतिशत आयात शुल्क की बढ़ोतरी से एयरलाइंस कंपनियों पर प्रभाव पड़ना तय है। इसकी बहुत ज्यादा आसार है कि कंपनियां किराए में संशोधन कर दें।
बुधवार को गवर्नमेंट ने विमान ईंधन यानी एटीएफ व 18 अन्य वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ा दिया है। गवर्नमेंट ने यह पहल चालू खाता घाटा को नियंत्रण में रखने व गिरते रुपए को सहारा देने के लिए उठाया है। उल्लेखनीय है कि पहले से ही एयरलाइंस कंपनियां अपने बढ़ते खर्च को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित थीं व विमानन एरिया में लगने वाले कर व ड्यूटी में कमी की मांग कर रही थीं। हाल के दिनों में यात्रियों को लुभाने के लिए कई एयरलाइंस अलग-अलग तरह के ऑफर दे रही हैं।