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बीजेडी ने BJP को बताया ‘आदिवासी विरोधी’, योजनाएं बंद करने को लेकर की ओडिशा सरकार की अलोचना

भुवनेश्वर:  ओडिशा की प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजू जनता दल (बीजेडी) भाजपा की माझी सरकार पर “आदिवासी विरोधी” होने का आरोप लगाया है। बुधवार को बीजेडी ने पूर्ववर्ती नवीन पटनायक प्रशासन द्वारा आदिवासी समुदाय के लिए शुरू की गई कई योजनाओं को बंद करने और आदिवासी समुदाय की कथित उपेक्षा करने के लिए ओडिशा सरकार की आलोचना की।

सरकारी योजनाएं बंद करने का आरोप
बीजेडी सांसद निरंजन बिसी, सस्मित पात्रा और पार्टी के मीडिया समन्वयक प्रियब्रत माझी ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेस कर मौजूदा माझी सरकार पर हमला बोला। बीजेडी सांसद निरंजन बिसी ने आरोप लगाया कि, भाजपा सरकार ने पिछली सरकार द्वारा बनाए गए विशेष विकास परिषद (एसडीसी) को खत्म कर दिया। एसडीसी के तहत आदिवासी लोगों को लाभ दिया जा रहा था और इसके जरिए नवीन पटनायक सरकार के दौरान विकास कार्य किए जा रहे थे, लेकिन मोहन माझी सरकार ने इसे आते ही बंद कर दिया है।

केंदू के पत्तों पर माझी सरकार ने लगाई जीएसटी
उन्होंने दावा किया कि भाजपा प्रशासन की ओर से विकास कार्य बंद होने के कारण आदिवासी समुदाय अनिश्चितता और भय का अनुभव कर रहा है। इसके अलावा बीजेडी सदस्यों ने केंदू पत्तों पर 18 फीसदी जीएसटी लगाने को लेकर मौजूदा सरकार की जमकर आलोचना की है। उन्होंने कहा कि, पश्चिमी और मध्य ओडिशा में करीब 8 लाख आदिवासी इन पत्तों को इकट्ठा करते हैं।
उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर जीएसटी छूट की मांग को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।

राज्य भर में वन भूमि अधिकारों को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए बीजद सांसद ने कहा, भाजपा सरकार में आदिवासी विकास एक दूर का सपना बन रह गया है। उन्होंने कहा, हम केंदू पत्तों पर जीएसटी हटाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार ने इसे नजरअंदाज कर दिया है। बीजेडी ने दावा किया कि, राज्य के कई समुदाय अभी भी आदिवासी स्टेटस का इंतजार कर रहे हैं।

शिक्षक भर्ती में गंभीर लापरवाही का आरोप
इसके अलावा बीजेडी ने माझी सरकार पर जूनियर शिक्षकों की भर्ती में भारी लापरवाही का आरोप लगाया। बता दें कि इस भर्ती में अधिकारियों ने उपयुक्त उम्मीदवारों की कमी का हवाला दिया था। जिस पर बिसी ने कहा कि, अगर इस देश में एक आदिवासी राष्ट्रपति बन सकती है, और राज्य का मुख्यमंत्री एक आदिवासी हो सकता है, तो कोई यह दावा करना गलत है कि, शिक्षक के पदों के लिए उपयुक्त उम्मीदवार नहीं मिले।

बीजेपी ने आरोपों का किया खंडन
बीजेडी के आरोपों को सत्तारूढ़ भाजपा ने खारिज कर दिया। बीजेपी ने कहा कि पिछली पटनायक सरकार अपने 24 साल के कार्यकाल में अनुसूचित क्षेत्रों में पंचायत विस्तार (पेसा) अधिनियम के कार्यान्वयन समेत कई अहम आदिवासी मुद्दों को हल करने में विफल रही है।

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