बकरीद के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश-विदेश के नागरिकों को दी शुभकामनाएं

आज देशभर में ईद-उल-अजह यानि बकरीद सारे हर्ष  उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने एक संदेश में देश  विदेश में रहने वाले नागरिकों विशेषकर मुस्लिम भाईयों  बहनों को शुभकामनाएं देते हुुए इस पर्व को साझी संस्कृति का प्रतीक बताया. राष्ट्रपति कोविंद ने बताया कि यह पर्व प्रेम  भाई चारे तथा इन्सानियत का प्रतीक है. हमें इसके सार्वभौमिक मूल्यों  साझी संस्कृति का पालन करना चाहिए.

वहीं उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने अपने एक शुभकामना संदेश में बोला कि इस पर्व से लोग एक दूसरे के निकट आयेंगे  देश में शांति तथा सौहार्द मजबूत होगा  समृद्धि आयेगी.नायडू ने बताया कि यह पर्व बलिदान का त्योहार है जो पारंपरिक ढंग से देश  दुनियां भर में मनाया जाता है यह त्योहार एकता, दया, भाईचारे के अतिरिक्त त्याग  समपर्ण को प्रतिबिंबित करता है. देश के कई  बड़े नेताओं ने देशवासियों को इस पर्व की शुभकामनाएं दी हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने ईद-उल-अत्रहा पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामना दी है.

रविवार को जारी एक शुभकामना संदेश में सीएम ने बताया है कि ईद-उल-अजहा का पर्व को मिल-जुल कर रहने तथा सामाजिक सदभाव बनाए रखने की प्रेरणा प्रदान करता है.उन्होंने इस त्यौहार को शांति एवं आपसी सदभाव के साथ मनाने की अपील की है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ईद-उल-जुहा पर्व पर प्रदेशवासियों को मुबारकबाद दी है.मुख्यमंत्री बघेल ने आज यहां जारी संदेश में बोला कि ईद-उल-जुहा पर्व भगवान के प्रति सरेंडर  त्याग का प्रतीक है. इससे समाज में सदभाव, भाई-चारा  एकजुटता की भावना बढ़ती है.

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ईद-उल-अजहा के मौके पर प्रदेशवासियों को मुबारकबाद दी है. मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने पैगाम में बोला कि ईद-उल-अजहा का मुस्लिम समुदाय के लिए एक अलग महत्व है. कुर्बानी का यह त्यौहार हमें दूसरों के लिए त्याग करने की प्रेरणा देता है. यह त्यौहार हमें अमन  भाईचारे के साथ रहने की सीख भी देता है. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ईद-उल-अजहा के मौके पर नागरिकों, विशेष रूप से मुस्लिम समुदाय के लोगों को शुभकामना  शुभकामनाएँ दी है. मुख्यमंत्रीकमलनाथ ने बधाई संदेश में बोला कि यह त्यौहार खुदा की राह से कुर्बानी का महत्व बताता है. इसलिए इसे कुर्बानी या त्याग का त्यौहार भी कहते हैं.