प्रेग्नेंसी के दौरान मुलेठी का सेवन आपकी गर्भावस्था को हमेशा के लिया कर सकती है ख़त्म

गर्भावस्था किसी भी महिला की जिंदगी का सबसे खूबसूरत लम्हा होता है लेकिन इस दौरान शरीर में कई बदलाव होते हैं। इसनें लाइफस्टाइल, हेल्थ और यहां तक की आपका व्यवहार भी बदलता है।

इस दौरान जो सबसे बड़ा बदलाव आता है वो है खाने के पसंद में । कुछ महिलाओं को इस समय मीठा खाना अच्छा लगता है तो कुछ को चटपटा तो कुछ महिलाओं को अपने टेस्ट के विपरीत पसंद आने लगता है। अब अगर आपको इस दौरान मुलेठी पसंद आने लगे तो इस पर किए रिर्सच के बारे में जरुर जान लें।

स्टडी के अनुसार

हाल में फिनलैंड के हेलेसिंकी में किए गए एक इंटरनेशनल रिर्सच के अनुसार प्रेग्नेंसी के दौरान अधिक मुलेठी खाने से बेबी को नुकसान पहुंच सकता है।  ये स्टडी एक अमेरिकल जरनल ऑफ एपिडेमोलॉजी में 13 साल तक किए गए स्टडी के बाद ये पता करने की कोशिश की गई कि आखिर मुलेठी खानी चाहिए या नहीं।

विशेषज्ञों के अनुसार यंग बच्चे जिनकी मां प्रेग्नेंसी के दौरान मुलेठी बहुत कम या नहीं के बराबर खाया करती थी उनकी परफॉर्मेंस ज्यादा अच्छी थी। इसके पीछे कारण है कि मुलेठी में पाया जाने वाला Glycyrrhizin का बच्चे पर गलत असर पड़ता है। किसी भी दूसरी औषधी या मसाले की तरह मुलेठी का भी हमारे देश में इस्तेमाल किया जाता है। इस बारे में हमारे देश के डॉक्टरों की क्या राय है कि मुलेठी का इस्तेमाल क्यों करना चाहिए आप भी जानिए।

क्या आपको प्रेग्नेंसी के दौरान मुलेठी खाना चाहिए?

The Indusparent ने मदरहुड हॉस्पिटल की गाइनोक्लॉजिस्ट डॉ सुष्मिता के से बात करने कोशिश की जिन्होंने कहा कि “प्रेग्नेंट महिलाएं मुलेठी का इस्तेमाल एक मात्रा तक कर सकती हैं लेकिन ज्यादातर महिला रोग विशेषज्ञ इसे ना खाने की सलाह देती है।

” प्रेग्नेंट महिलाओं को डॉक्टर से जांच पड़ताछ और पूछने के बाद ही किसी भी तरह की घरेलू दवा को खाना चाहिए। उन्हें कोशिश करनी चाहिए कि वो दवा ही लें जिनका बच्चे पर कोई गलत असर ना पड़े। बिना डॉक्टर से संपर्क किए कभी कोई भी दवा ना लें।”

हमने बैंगलोर की फोर्टिस हॉस्पिटल की डॉक्टर शालिनी अरविंद , चीफ डाइटिशियन ने हमें बताया कि कैसे मुलेठी बेबी के लिए हानिकारक होता है।

“इसमें ऐस कंपोनेंट होते हैं जो Placenta को नुकसान पहुंचाते हैं। इसके कारण तनाव बढ़ाने वाले हार्मोन मां से बेबी तक पास होता है। हार्मोन का हाई लेवल जिन्हें Glucucurticoids कहते हैं वो बेबी के ब्रेन के विकास को भी नुकसान पहुंचाते हैं। इसके कारण बच्चों के Behavioral Disorder की भी समस्या हो सकती है।”

उन्होंने आगे ये भी कहा कि “जिंदगी में कई बार पड़ाव आते हैं लेकिन प्रेग्नेंसी के दौरान हमें खास ख्याल रखना चाहिए । ज्यादातर केस में होता है कि महिलाएं वही खाना चाहती हैं जो फायदा कम और नुकसान ज्यादा करता है। हालांकि ये सही नहीं है.  सभी को याद रखना चाहिए कि प्रेग्नेंसी के दौरान सही खाना बहुत जरुरी है ताकि शरीर को पोषक तत्वों की जरुरत है वो मिल जाए। किसी भी खाने की चीज को उतना ही खाए जितनी जरुरत हो।

प्रोटिन
शालिनी अरविंद के अनुसार खाने में ये चीजें एक प्रेग्नेंट महिला को जरुर शामिल करना चाहिए

  •  प्रोटिन से युक्त खाने जिससे कोशिकाओं और खून दोनों की कमी ना हो
  • दाल, राजमा, अंकुरित दालें (मूंग, चना), मुंगफली, मीट, मछली, अंडे, दूध को प्रोटिन के जरुर शामिल करें।

कार्बोहाइड्रेट

  • कार्बोहाइड्रेट से युक्त खानों से शक्ति मिलती है जो शरीर के लिए बहुत जरुरी है।
  • चावल, रागी, ज्वार, आलू, फल, सब्जियों में कार्बोहाइड्रेट प्रचूर मात्रा में पाई जाती है।


कैल्शियम

  • कैल्शियम युक्त खाने प्रेग्नेंसी में खाने से हड्डियां और दांत खासकर मजबूत रहते हैं इससे मशल्स और Nerve अच्छे से काम करते हैं।
  • रागी, दूध, चीज, दही, मछली, पत्तेदार सब्जियां, नट्स में कैल्शियम पाया जाता है।
  • राजमा और चना में कैल्शियम पाया जाता है।

आयरन, विटामिन ए, सी, बी6, बी12, फॉलिक एसिड

  • रेड ब्लड सेल्स के बनने के लिए आयरन बहुत जरूरी है। इससे स्कीन अच्छी रहती है, आंख की रोशनी भी कमजोर नहीं होती और Nervous सिस्टम भी अच्छे से काम करता है। बच्चे के सही विकास के लिए इसकी बहुत जरुरत होती है।
  • गहरे हरे रंग की सब्जियां, गाजर, शकरकंद, टमाटर, आलू, साइट्रस फ्रूट, मूंगफली, केला, अंडे और मछली में पाये जाते हैं।

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फाइबर और तरल पदार्थ

  • कब्ज की सम्स्या ज्यादातर महिलाओं में प्रेग्नेंसी के दौरान होती है। इसका कारण प्रोगेस्टेरॉन का बढ़ना होता है जिसी वजह से मस्ल्स काफी ढीले पढ़ जाते हैं और  डाइजेस्टिव सिस्टम तक खाना पहुंचने में काफी समय लगता है जिस वजह से प्रेग्नेंसी में सम्स्या होती है।
  • आयरन युक्त खाने की वजह से हो सकता है कब्ज की सम्स्या और बढ़ जाए इसलिए इसके साथ फाइबर को अधिक से अधिक खाना चाहिए ताकि किसी तरह की कोई सम्स्या ना हो। जैसे
  • जितना ज्यादा हो सकते पत्तेदार सब्जियां, फल, स्प्राउट्स खाने की आदत डालें।तरह पदार्थ लेने में कोई कमी ना करें इसकी कमी से आपको कब्ज की सम्स्या बढ़ सकती है।