पुरूष के मुकाबले स्त्रियो में अधिक होती है ये समस्या, जानिए ये है वजह

आज के समय में थायरॉइड कई लोगों की स्वास्थ्य समस्या है. थायरॉइड में वजन बढ़ने के साथ हार्मोन असंतुलन भी हो जाते हैं. एक स्टडी के मुताबिक, पुरुषों की तुलना में स्त्रियों में थायरॉइड दस गुना ज्यादा होता है. इसका मुख्य कारण स्त्रियों में ऑटोम्यून्यून की समस्या ज्यादा होना है.

एसआरएल डाएग्नोस्टिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, 20 प्रतिशत स्त्रियों को थायरॉइड एंटीबॉडीज के लिए पॉजिटिव पाया गया, जबकि पुरूषों में यह संख्या 15 प्रतिशत थी. दरअसल, 31 से 45 आयुवर्ग की 18 प्रतिशत आबादी थायरॉइड एंटीबॉडीज के लिए पॉजिटिव पाई गई है. उत्तरी हिंदुस्तान में सबसे बड़ी संख्या में लोग थायरॉइड एंटीबॉडीज के लिए पॉजिटिव पाए गए हैं.

थायरॉइड डिसऑर्डर का प्रभाव थायरॉइड ग्रंथि पर पड़ता है, जो एडम्स एप्पल के नीचे गर्दन के सामने वाले हिस्से में स्थित तितली के आकार का अंग है. थायरॉइड ग्रंथि द्वारा बनाए गए एवं संग्रहित किए गए हॉर्मोन शरीर के विभिन्न अंगों की कार्यप्रणाली को प्रभावित करते हैं. ये हॉर्मोन शरीर की मैटोबोलिक रेट, दिल एवं पाचन तंत्र की कार्यप्रणाली, दिमाग के विकास, पेशियों के नियन्त्रण, हड्डियों के रखरखाव एवं आदमी के मूड को विनियमित करते हैं.

ऐसे करें नियंत्रित  आयोडीन लेवल को करें मेंटेन अक्सर आयोडीन की कमी से थायरॉइड की समस्या उत्पन्न होती है. आयु बढ़ने के साथ स्त्रियों में ये समस्या आम है. सी फूड, क्रूसिफेरस सब्जियों जैसे आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें.

प्रोसेस्ड फूड से बनाएं दूरी प्रोसेस्ड फूड को संतुलित आहार में शामिल नहीं किया जा सकता । जिन खाद्य पदार्थों में चीनी, रंग, कृत्रिम स्वाद  स्वीटर्स शामिल हैं उन्हें आहार में शामिल नहीं किया जाना चाहिए. इसके साथ ही वसा मुक्त, चीनी मुक्त  कम वसा वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचना चाहिए.

संतुलित आहार

थायरॉइड को स्वस्थ बनाए रखने के लिए संतुलित आहार सबसे जरुरी है. आंतों में सूजन थायरॉइड की समस्याओं का कारण बन सकती है. इस तरह किसी भी समस्या को रोकने के लिए संतुलित आहार लेना जरुरी है. रोजाना दो से तीन तरह की सब्जी  फलों का सेवन जरूर करना चाहिए.