पीएम नरेंद्र मोदी ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में एक इंटरव्यू में बोला कि हिंदुस्तान 4 दशक से बॉर्डर पार आतंकवाद की मार झेल रहा है। हिंदुस्तान व यूएई का यह सामान्य हित है कि जो ताकतें मानवता के विरूद्ध कार्य कर रही हैं व आतंकवाद को बढ़ावा दे रही हैं, उन्हें अपनी नीतियां छोड़नी होंगी। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने साक्षात्कार में बोला कि हमने आतंकवाद के खिलाफ जो कदम उठाए हैं, यूएई ने उन्हें समझा है। साझा सुरक्षा को लेकर हमारे बीच अच्छा योगदान है।
पीएम मोदी ने बोला कि जहां तक धारा 370 की बात है तो हमारे आंतरिक कदम हर तरह से लोकतांत्रिक व पारदर्शी हैं। इस धारा से वह विकसित नहीं हो पाया व कुछ लोगों के हितों को उससे फायदा होता था। इस अकेलेपन की वजह से कई युवा बहक गए व आतंकवाद और हिंसा का रास्ता अपना लिया। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने बोला कि, हम इन प्रवृत्तियों को अपने समाज में जड़ जमाने नहीं दे सकते। जब प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी से पूछा गया कि अमेरिका में अगले साल तक आर्थिक मंदी के संभावना हैं, जिसका बहुत प्रतिकूल पभाव पड़ सकता है। क्या आप मानते हैं कि हिंदुस्तान व यूएई की आर्थिक साझेदारी इस बुरे दौर से पार पा जाएगी। इस बारे में आप क्या कदम उठाना चाहते हैं?
इसके जवाब में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने बोला कि, भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है। अगले 5 वर्षों में हमने 5 ट्रिलियन डॉलर कि अर्थव्यवस्था बनने का टारगेट रखा है। यूएई अपनी अर्थव्यवस्था में विविधता ला रहा है व अपनी शक्ति के पारंपरिक क्षेत्रों से परे जा रहा है। वहीं हमारे पास समृद्धि प्राप्त करने के लिए सोच, रोडमैप के साथ-साथ आकार, गति और संसाधन उपस्थित हैं। यह हम दोनों राष्ट्रों व संसार के लिए जीत की स्थिति है। हमारी इकॉनमी, बढ़ते तालमेल व संयुक्त अरब अमीरात में लाखों हिंदुस्तानियों की मौजूदगी का इस्केमाल करते हुए एक-दूसरे के पूरक हो सकते हैं।