पीएम नरेंद्र मोदी ने ‘ग्राम प्रधानों’ को लिखा ये लेटर

ग्रामीण क्षेत्रों में पानी के संकट को देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने ‘ग्राम प्रधानों’ को व्यक्तिगत तौर पर लेटर लिखकर उनसे आगामी मानसून के दौरान वर्षा के जल का संरक्षण करने का अनुरोध किया है. पीएम के हस्ताक्षर वाले पत्रों को जिलों के संबंधित जिला मजिस्ट्रेटों  कलेक्टरों ने खुद अपने हाथ से ग्राम प्रधानों को सौंपा है.

समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, कई ग्रामीण इलाकों में पीएम का लेटर ग्रामीणों के बीच चर्चा का विषय बन गया है. उदाहरण के लिए, मोदी के निवार्चन क्षेत्र वाराणसी के पास स्थित यूपी के सोनभद्र में उनका लेटर 637 ग्राम प्रधानों को दिया गया है जिसमें उन्होंने प्रधानों (सरपंच) से अनुरोध किया है कि वे इस मानसून ग्रामीणों को वर्षा जल के संरक्षण की प्रक्रिया प्रारम्भ करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए पर्सनल रूप से कोशिश करें.

व्यक्तिगत और अपनेपन की भावना के साथ हिंदी में लिखे गए लेटर में पीएम ने बोला है, “प्रिय सरपंचजी, नमस्कार. मुझे उम्मीद है कि आप  पंचायत के मेरे सभी भाई  बहनें पूरी तरह स्वस्थ होंगे. बारिश का मौसम प्रारम्भ होने वाला है. हम भगवान के आभारी हैं कि हमें पयार्प्त वषार्जल का आशीवार्द मिला है. हमें इस आशीवार्द (जल) के संरक्षण के लिए सभी कोशिश  व्यवस्था करनी चाहिए.

मोदी ने अपने एक पेज के लेटर में प्रधानों से विशेष अनुरोध किया है कि वे ग्राम सभा की मीटिंग बुलाएं जिसमें उनके संदेश को पढ़ा जाना चाहिए. लेटर में बोला गया है, “यह अनुरोध किया जाता है कि गांव में इस बात पर चर्चा होनी चाहिए कि जल संरक्षण कैसे किया जा सकता है. मुझे आप सभी पर भरोसा है कि बारिश के पानी की हर बूंद को बचाने के लिए पयार्प्त व्यवस्था की जाएगी.

प्रधानमंत्री ने चेक डैम  तालाबों के निमार्ण का भी सुझाव दिया है, जहां वषार् जल का उचित ढंग से संरक्षण किया जा सके. यूपी के अमरोहा जिले में डीएम उमेश मिश्रा ने सुनिश्चित किया कि पीएम का लेटर सभी 6०1 प्रधानों को सौंप दिया जाए. डीएम ने पहले ही ग्रामीण इलाकों में 775 तालाब खोदने की योजना बनाई है  5०० पर कार्य प्रारम्भ हो चुका है.

सूत्रों ने बोला कि 15 जून को नीति आयोग परिषद की जरूरी मीटिंग के दौरान, पीएम देश के प्रमुख हिस्से में ग्रामीण क्षेत्रों को प्रभावित करने वाले जल संकट से निपटने के लिए वषार् जल संचयन की जरूरत को रेखांकित करेंगे. पीएम के निदेर्श पर नवगठित मंत्रालय जल शक्ति ने देश के जल संकट की समीक्षा के लिए हाल ही में सभी राज्यों के मंत्रियों की एक अंतर-राज्यीय मीटिंग की थी.