पिछले कुछ वर्षों के मुकाबले 10 से 15 फीसदी तक दिल्ली की हवाओं में सुधार

राजधानी की हवा में पिछले कुछ वर्षों के मुकाबले 10 से 15 फीसदी तक का सुधार देखा जा रहा है. सीपीसीबी के सदस्य सचिव गर्गव ने शनिवार को मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में वायु प्रदूषण पर आयोजित सम्मेलन में बोला कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड  अन्य एजेंसियों द्वारा प्रदूषण को कम करने के दिशा में कार्य करने से वायु की गुणवत्ता सुधर रही है.

खाड़ी राष्ट्रों की धूल भरी हवा है कारण
गर्गवा की माने तो सीपीसीबी प्रदूषण को फैलाने वाले तीन प्रमुख कारकों पर ध्यान दे रही है. जिसमें पराली को जलाना  खाड़ी राष्ट्रों से आने वाली धूल भरी हवा जैसे बाहरी कारक भी शामिल हैं. वही उन्होंने बताया कि प्रदूषण के तीन प्रमुख कारकों में खाड़ी राष्ट्रों से आने वाली धूल भरी हवा है जिससे दिल्ली की हवा में पीएम 10 की मात्रा खतरनाक स्तर तक बढ़ जाती है. इसके अतिरिक्त उत्तर हिंदुस्तान में पराली को जलाए जाना  दिल्ली का लोकल कार्बन उत्सर्जन भी शामिल है.

गर्गवा ने जानकारी देते हुए बताया बोर्ड इन तीन प्रमुख कारकों पर ध्यान दे रहा है. जिससे हवा की गुणवत्ता में अगले कुछ वर्षों में सुधार हो. वायु प्रदूषण पर आयोजित इस दो दिवसीय प्रोग्राम में कई अन्य एक्सपर्ट्स ने भी अपने विचार रखे.