पाक सरकार ने टेरर फंडिंग के मुद्दे से निपटने के लिये निकाली यह नई तरकीब

 टेरर फंडिंग  मनी लॉन्ड्रिंग पर लगाम लगाने वाली अंतर्राष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) ने पाक को पिछले वर्ष अपनी ‘ग्रे लिस्ट’ में रखा था.सितंबर में एफएटीएफ पाकिस्तान को आतंकवाद पर अच्छा तरीका से कार्रवाई न करने के लिए ब्लैकलिस्ट कर सकता है. इसको लेकर संस्था ने पाकिस्तान को जनवरी में चेतावनी भी दी थी. हालांकि, इमरान सरकार ने अब इससे निपटने की नयी तरकीब निकाल ली है. उसने आतंकवादियों के विरूद्ध नकली  निर्बल मुकदमे दर्ज करवाने प्रारम्भ कर दिए हैं.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान ऐसा करएफएटीएफ को दिखाना चाहता है कि वह आतंकवादियों के विरूद्ध कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है. जबकिकमजोर मामलेहोने की वजह से आतंकवादियों के छूटने के संभावना ज्यादा हैं. न्यूज एजेंसी के सूत्रोंके मुताबिक, को लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकवादी के विरूद्ध जमीन टकराव को लेकर मुद्दा दर्ज किया गया. लेकिन केस इतना निर्बल है कि न्यायालय में आतंकवादी पर कोई कार्रवाई होने की आसार नहीं है.

एफआईआर में आतंकवादियों के नाम शामिल नहीं

पाक इन मामलों को इस तरह पेश कर रहा है जैसे वह आतंकवादियों की संपत्ति जब्त कर उनके लेन-देन पर रोक लगा रहा हो. लेकिन अभी तक आतंकवादी संगठन के सरगनाओं पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है. एफआईआर में लश्कर प्रमुख हाफिज सईद या आतंकवादी अब्दुल गफ्फार, हाफिज मसूद, आमिर हमजा  मलिक जफर इकबाल के नाम का जिक्र भी नहीं है, जबकि यह सब भी उस जमीन के मालिकों में शामिल थे. एफआईआर में आतंकवादी संगठन जमात-उद-दावा  फलाह-ए-इंसानियत का भी कोई जिक्र नहीं है. बल्कि एक स्थान इसमें दावत-वल-इरशाद का जिक्र किया गया है जो कि जमात-उद-दावा का पुराना नाम है.

एफएटीएफ को भटकाना चाहता है पाक

कानूनविदों के मुताबिक, एफआईआर में जमीन टकराव से जुड़े लोगों के नाम नहीं दिया गया है  न ही उनके क्राइम की टाइमलाइन दी गई है. इसके अतिरिक्त उनकी आतंकवादीगतिविधियों को बताने में भी बहुत ज्यादा साधारण शब्द प्रयोग किए गए. इसके अतिरिक्त आतंकवादी संगठन की गतिविधियों पर जानकारी भी नहीं दी गई है, ताकि एफएटीएफ की आंखों में धूल झोंकी जा सके.

पाक को पहले ही चेतावनी दे चुका है एफएटीएफ

पाक को ग्रे लिस्ट में रखने-हटाने या ब्लैकलिस्ट में डालने के मामले पर एफएटीएफ अक्टूबर के पहले सप्ताह में मीटिंग कर सकता है. इससे पहले एफएटीएफ ने जून में हुई मीटिंग के बाद पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए बोला था कि वह आतंकवादियों को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है. संस्था ने पाक को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा- अगर वह अक्टूबर 2019 तक एक्शन प्लान लागू नहीं कर सका तो उसे नतीजे भुगतना होंगे. इस पर पाकिस्तान ने कहा- देश ग्रे लिस्ट से बाहर आने के लिए न सिर्फ संस्था के हर आदेश पर अमल करने के लिए तैयार है बल्कि अपनी ओर से एक्शन प्लान लागू करने के कोशिश भी कर रहा है.