बलूचिस्तान एजुकेशन विभाग ने पिछले सप्ताह प्रांत में 2,000 से अधिक शिक्षकों को निलंबित कर दिया। निलंबित शिक्षक क्वेटा, डेरा बुगती, पिशिन, किला अब्दुल्ला व प्रांत के अन्य जिलों के हैं। बलूचिस्तान के एजुकेशन सचिव तैय्यब लहरी ने यह जानकारी दी।
कि “हम गैर-क्रियाशील स्कूलों को कार्यात्मक बनाने के लिए गैर हाजिर रहने वाले शिक्षकों के विरूद्ध कार्रवाई प्रारम्भ कर चुके हैं। ”
शिक्षा सचिव ने बताया कि इन निलंबित शिक्षकों को स्कूल से गैर हाजिर रहने के चलते लगातार कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे। हालांकि, वे इसका जवाब दे पाने व स्कूल में हाजिर रहने में विफल रहे। सचिव ने बोला कि पिशिन में 200 से अधिक शिक्षकों को, 81 को डेरा बुगती में व अन्य शिक्षकों को भिन्न-भिन्न जिलों में निलंबित कर दिया गया।
समूचे बलूचिस्तान में प्राइमरी से हाई स्कूल स्तर के स्कूलों में सरकारी टीचरों की संख्या करीब 70 हजार से ज्यादा है। यह पहली बार है जब प्रांत की सरकार ने गैर हाजिर रहने वाले शिक्षकों के लिए इतना बड़ी कार्रवाई की है। एजुकेशन सचिव लहरी ने बोला कि “बढ़ते दबाव के बावजूद, हमने कार्रवाई जारी रखने का निर्णय किया है। ”
यह कार्रवाई सूचना एवं वित्त मंत्री जहूर बुलदी व बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री के एजुकेशन सलाहकार मोहम्मद खान लहरी द्वारा प्रांत में एजुकेशन की स्थिति की समीक्षा के लिए एक जरूरी मीटिंग के बाद की गई है।
इस मीटिंग में 1,800 से अधिक गैर-कार्यात्मक स्कूलों को कार्यात्मक बनाने व प्रांत के 67 मिडिल स्कूलों व 80 उच्चतर माध्यमिक स्कूलों को अपग्रेड करने का निर्णय भी किया गया।
मंत्री ने बताया कि गैर हाजिर टीचरों के प्रत्येक पर्सनल मुद्दे की जाँच के लिए जाँच समितियों को बनाया गया है। शिक्षकों को पहले चरण में निलंबित कर दिया गया व जाँच में दोषी पाए जाने पर सेवा खत्म भी कर दी जाएगी।
शिक्षा सचिव ने खुलासा किया, “जांच समितियां 30 दिनों के भीतर अनुपस्थित शिक्षकों की किस्मत का निर्णय करने जा रही हैं। “