पंजाब में इस बार 13 में से 9 सीटों पर कांग्रेस पार्टी व शिअद-भाजपा गठबंधन में है सीधा मुकाबला

इस बार पंजाब में आम चुनाव का माहौल 2014 से एकदम उलट है. उस दौर की मोदी लहर के बावजूद पंजाब में दिल्ली की आम आदमी पार्टी सूबे में दमदार विकल्प बनकर उभरी थी.24.40% वोट  4 सीटें जीतकर उसने कांग्रेस पार्टी  अकालियों की जड़ें हिला दी थीं.

आप का यह प्रदर्शन 2017 के विधानसभा चुनाव तक रहा, जिसमें वह मुख्य विपक्षी दल बन गई  अकाली दल तीसरे नंबर पर खिसक गया. मगर मौजूदा चुनाव में आप को पसीने छूट रहे हैं. पंजाब की 13 में से एकमात्र संगरूर सीट पर ही भगवंत मान के कारण वह मुक़ाबला में है.

13 में से 9 सीटों पर कांग्रेस पार्टी  शिअद-भाजपा गठबंधन में सीधा मुकाबला है. 3 सीटों पर पंजाब डेमोक्रेटिक अलायंस (पीडीए) में मुक़ाबला है. कांग्रेस पार्टी कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरपरस्ती में लड़ रही है. वह आप  शिरोमणि अकाली दल (बादल) की फूट का लाभ लेती दिख रही है. इस बार नशे के साथ-साथ बेरोजगारी भी मामला है. दोनों को लेकर जनता बेहद नाराज है. मोदी फैक्टर यहां कम असरदार है. सूबे में बीजेपी मजबूत संगठन नहीं बना पाई है  अमृतसर, होशियारपुर  गुरदासपुर में भितरघात उसके लिए चुनौती है. गुरदासपुर सीट पर सनी देओल के आने से बीजेपी की गूंज सुनाई देने लगी है.

कांग्रेस का प्रदर्शन आप के वोटों पर टिका है. यदि आप का वोट कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़ा तो वह दहाई का आंकड़ा छुएगी. वह पिछले खोए वोट भी लेने में पास रही तो 8 सीटों पर उसकी दावेदारी मजबूत है. पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को 12.13% वोट  5 सीटों का नुकसान हुआ था. तब शिअद का 8% वोट भी खिसका था. शिअद को खोया जनाधार फिर से पाना है. कैप्टन ने बादल परिवार को पवित्र ग्रंथ की बेअदबी के मसले पर घेर रखा है. शिअद में सातवीं बार टूट हुई है. बड़े बादल के साथी कई टकसाली नेताओं ने अलग मोर्चा बना लिया.पहली बार परकाश सिंह बादल के बेटे-बहू एक साथ मैदान में हैं.

सुखबीर को फिरोजपुर सीट पर राहत है परंतु पत्नी केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर को बठिंडा में कांग्रेस पार्टी के राजा वड़िंग  पीडीए के सुखपाल खैहरा से चुनौती मिल रही है. बहू को जिताने के लिए 92 की आयु में परकाश सिंह अपने विधानसभा क्षेत्र लंबी में घर-घर जा रहे हैं. कैप्टन के लिए पटियाला में पत्नी परनीत कौर को जिताना नाक का सवाल बना हुआ है.जालंधर सुरक्षित सीट पर कांग्रेस पार्टी  शिअद में करीबी मुकाबला है. लुधियाना में कांग्रेस पार्टी के रवनीत बिट्‌टु का मुकाबला पीडीए  अकाली दल से है. खडुर साहिब में पीडीए ने मुकाबला त्रिकोणीय बना रखा है. आनंदपुर साहिब में कांग्रेस पार्टी के मनीष तिवारी  शिअद के प्रेमसिंह चंदूमाजरा में नजदीकी प्रयत्न है. हाेशियारपुर (सुरक्षित) सीट पर बीजेपी के सोमप्रकाश कांग्रेस पार्टी को कड़ी मुक़ाबला दे रहे हैं.

वह सीटें, जहां ज्यादा सरगर्मी

  • पटियाला: सीएम कैप्टन अमरिंदर की पत्नी परनीत कौर त्रिकोणीय मुकाबले में फंसी हैं. पीडीए कैंडिडेट  हार्ट स्पेशलिस्ट डॉ धर्मवीर गांधी ने उनकी धड़कनें बढ़ा रखी हैं.शिअद के सुरजीतसिंह रखड़ा भी कड़ी मुक़ाबला दे रहे हैं. कौर पिछला चुनाव आप के गांधी से 20 हजार वोटों से हारी थीं. इस बार गांधी आप में नहीं हैं. इससे थोड़ी राहत.मुख्यमंत्री खुद यहां इकलौता फैक्टर.
  • बठिंडा: केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर चुनाव लड़ रही हैं. पिछली बार महज 19000 वोटों से जीती थीं. इस बार भी कांग्रेस पार्टी से कड़ा मुकाबला. हार-जीत का अंतर कम रहेगा.मालवा में डेरे का भी प्रभाव. पीडीए के खैहरा वोट काट रहे.
  • गुरदासपुर: उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी से सुनील जाखड़ जीते थे. बीजेपी के सनी देओल का ‘ढाई किलो का हाथ’ वैसे जाखड़ पर भारी है. सात लाख से ज्यादा महिला  डेढ़ लाख युवा डिसाइडिंग हैं.

दो जरूरी सीट, जहां बड़े चेहरे

  • फिरोजपुर: सुखबीर का मुकाबला अकाली नेता रहे शेर सिंह घुबाया से है. घुबाया की राय सिख बिरादरी में पैठ. परंतु भय भितरघात का.
  • अमृतसर: बीजेपी से केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी  कांग्रेस पार्टी सांसद गुरमीत औजला में मुकाबला. पुरी की जमीनी पकड़ नहीं.