नीतीश कुमार ने मुसलमानों के लिए किया ऐसा, पूरे बिहार में…

आईएमआईएम के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी आज से दो दिवसीय दौरे पर बिहार में है। ओवैसी सीमांचल के इलाके में 2 दिनों तक सीमांचल अधिकार पदयात्रा के बहाने अपनी सियासी जमीन मजबूत करने की कवायद करने जा रहे हैं।

इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बड़ा मुस्लिम कार्ड खेल दिया है। सरकारी दफ्तरों में काम करने वाले हैं मुसलमान अफसरों और कर्मियों को नीतीश सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है। रमजान के महीने में उन्हें दफ्तर के काम में राहत का ऐलान किया गया है।

बिहार सरकार ने पत्र जारी कर इसकी घोषणा कर दी है। मुस्लिम अधिकारियों और कर्मियों की ड्यूटी के समय में बदलाव किया गया है। रमजान के महीने में 1 घंटे पहले से दफ्तर आ सकते हैं। इतना ही नहीं है उन्हें दफ्तर से 1 घंटे पहले निकल जाने की भी छूट दी गई है।

बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से जारी पत्र के मुताबिक इस सुविधा का लाभ सरकार के स्थाई और संविदा पर काम करने वाले कर्मियों के साथ-साथ आउटसोर्सिंग कर्मियों को भी मिलेगा। यह सुविधा हर साल रमजान के महीने में मुस्लिम समाज के कर्मियों के लिए लागू होगा। सरकार की ओर से यह भी दावा किया गया है कि इससे सरकारी कामकाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा। सब लोग मिलजुल कर काम पूरा करेंगे।

ओवैसी के दो दिवसीय सीमांचल अभियान से सबसे ज्यादा परेशानी राजद और जदयू को है। आरजेडी मुसलमानों को अपना पारंपरिक वोट बैंक मानती है। जेडीयू भी मुस्लिम वोट को लेकर काफी सचेत है। मुस्लिम वोटरों के बीच पार्टी की पकड़ भी है। इधर ओवैसी की राजनीति का एकमात्र आधार मुसलमानों के हक की लड़ाई है। ओवैसी पिछले दो उपचुनाव में अपने उम्मीदवार उतारकर महागठबंधन को झटका दे चुके हैं।

दरअसल आगामी लोकसभा चुनाव 2024 और विधानसभा चुनाव 2025 के पहले बिहार में सभी दलों की सियासी गतिविधियां तेज हो जाने के बाद नीतीश कुमार ने निर्णय लिया है। सीमांचल इलाके की सीटों पर पक्ष-विपक्ष के अलावा अन्य राजनीतिक संगठनों की नजर है। कोई किसी से पीछे नहीं रहना चाहता। भाजपा व महागठबंधन की रैली के बाद असदुद्दीन ओवैसी सीमांचल के दौरे पर हैं। आज से ओवैसी मुसलमानों पर अपना जादू चलाने की कवायद शुरू करेंगे। उससे पहले नीतीश कुमार ने बड़ी चाल खेल दी है।