नाइजर सीमा के पास सैन्य शिविर पर ‘बोको हराम’ के जिहादियों के हमले में कम से कम सात नाइजीरियाई सैनिक मारे गए हैं। नाइजीरियाई सेना ने बुधवार को ट्विटर पर एक बयान जारी कर बोला कि नाइजीरिया के उत्तरी-पूर्वी बोर्नो राज्य के मेतेले गांव में सोमवार को सेना व इस्लामी जिहादियों के बीच भीषण प्रयत्न हुआ, स दौरान सात सैनिक मारे गए व 16 अन्य घायल हो गए।
हालांकि सैन्य व मिलिशिया सूत्रों का कहना है कि घटना में मरने वालों की संख्या इससे कहीं ज्यादा है। वैसे बोर्नों की प्रांतीय राजधानी मैदुगुडी से सेना के एक अन्य ऑफिसर ने बताया कि,’सात घंटे तक चले इस प्रयत्न में हमने 18 सैनिकों को खोया। ‘
पहचान गुप्त रखते हुए इस नाइजीरियाई सेना के ऑफिसर ने बताया कि हमारे सैनिक बहादुरी से लड़े व ‘बोको हराम’ के जिहादियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। जिहादियों के विरूद्धलड़ाई में सेना की मदद करने वाले लोकल मिलिशिया का कहना है कि मंगलवार को सैनिकों के 18 मृत शरीर मोनगुनो शहर लाए गए थे।
उनके अनुसार नाइजीरियाई सैनिकों व ‘बोको हराम’ के जिहादियों के बीच प्रयत्न भीषण बहुत ज्यादा भीषण था। यह शाम करीब साढ़े चार बजे प्रारम्भ हुआ व रात साढ़े ग्यारह बजे तक चला।
नाइजीरिया में लम्बे समय से आतंरिक गृहयुद्ध चल रहा हैं। इस्लामिक अतिवाद विचारधारा वाला संगठन बोको हराम लम्बे समय से वहां इस्लामिक सत्ता को स्थापित करने के लिए प्रयत्नकर रहा हैं। बोको हराम लूट,अपहरण,जबरन धर्म बदलाव की वारदातों के अतिरिक्त लाखों बेगुनाह नाइजीरिया के नागरिको की ह्त्या में संलिप्त रहा है।
2014 में बोको हराम के आतंकवादियों ने 276 ईसाई समुदाय की लड़कियों का अपहरण कर लिया था। अफ्रीका के राष्ट्र नाइजीरिया में बोको हराम का गठन मोहम्मद युसूफ़ ने 2002 में किया था । बोको हराम की अल-कायदा से भी सम्बन्ध होने की भी बात कहीं जाती है।
इसका आधिकारिक नाम “जमाते एहली सुन्ना लिदावति वल जिहाद” है। जिसका अरबी में मतलब हुआ, ‘वैसे लोग जो पैगम्बर मोहम्मद की एजुकेशन व उनका आतंक फैलाने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं। ‘