देश में नर्सिंग काउंसिल में दर्ज़ नर्सों की संख्या 10.3 लाख

अमेरिका के ख्याति प्राप्त संगठन सेंटर फॉर डिजीज डायनामिक्स, इकोनॉमिक्स एंड पॉलिसी’ (सीडीडीईप) के द्वारा 14 अप्रैल, 2019 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक हिंदुस्तान में 20 लाख नर्सों की कमी है. देश में नर्सिंग काउंसिल में दर्ज़ नर्सों की संख्या 10.3 लाख है. परंतु वास्तव में इनमें से केवल 4 लाख नर्सें ही देश में कार्यरत हैं. इनमें से ज्यादातर नर्स या तो सेवानिवृत्त हो चुकी हैं अथवा अच्छे वेतन की तलाश में विदेश चली गई हैं. इसलिए इस क्षेत्र में मांग एवं आपूर्ति में बहुत बड़ा अंतर निर्मित हो गया है. तेजी से बढ़ती जनसंख्या के साथ बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की बढ़ती मांग के कारण देश में नर्सों की कभी न खत्म होने वाली मांग बन चुकी है तथा इस बढ़ती मांग की तुलना में आपूर्ति बहुत कम है. इसी रिपोर्ट से अनुमान लगाया जा सकता है कि नर्सिंग के क्षेत्र में रोजगार के कितने चमकीले मौका उत्पन्न हो गए हैं.

बताते चलें कि नर्सिंग का करियर युगों-युगों से चला आ रहा है परंतु इसे नर्सिंग प्रोफेशन के रूप में ख्याति महान अंग्रेज नर्स फ्लोरेंस नाइटेंगल के कार्यों से मिली. इन्हें ही मॉर्डन नर्सिंग प्रोफेशन का जनक माना जाता है. इसमें कोई दोमत नहीं है कि इन दिनों नर्सिंग एक उजले सेवापूर्ण करियर के रूप में उभरकर सामने आया है. नारी सेवा एवं त्याग की प्रतिमूर्ति होती है इसलिए नर्सिंग युवतियों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त एवं निरापद करियर है. मानवसेवा की भावना रखने वाली युवतियों को इस क्षेत्र में अवश्य आना चाहिए. नर्स का काम मानवीय भावना से ओत-प्रोत काम है, जिसका कोई मूल्य निर्धारित नहीं किया जा सकता. नर्स का काम सुनने में जितना सहज एवं सरल लगता है, वास्तव में यह उतना ही उत्तरादायित्वपूर्ण काम है. यदि आप लगनशील हैं, आपमें दृढ़ इच्छाशक्ति है तथा रोगियों  दुखियों की सेवा करने का जूनून है  तनावपूर्ण परिस्थितियों में लंबे समय तक कार्य करने की क्षमता है तो नर्सिंग का करियर आपके लिए ही बना है. यह एक ऐसा करियर है जो गांवों की युवतियों से लेकर महानगरों की युवतियों तक करियर की एक समान संभावनाएं प्रस्तुत करता है.

नर्सों की कार्यक्षमता के मुताबिक उनकी भूमिकाओं को निम्नलिखित प्रकार से विभाजित किया जा सकता है. जैसे हॉस्पिटल, नर्सिंग होम आदि में नसिंग का कार्य करने वाली यवतियों को जनरल नर्स बोला जाता है. इनके मुख्य काम में चिकित्सक के कार्य में सहयोग, मरीजों की देखभाल, प्रशासनिक जिम्मेदारियां आदि शामिल होती हैं. न केवल रोगियों को स्वस्थ करने में अपितु उनके प्राणों की रक्षा करने में भी जनरल नर्स की जरूरी किरदार होती है. एक कुशल जनरल नर्स रोगियों की भावनाओं तथा मनोविज्ञान को अच्छी तरह समझकर उनकी उचित देखभाल कर सकती है. इसके बाद मिडवाइफ श्रेणी में वह नर्स आती है, जिनकी विशेषज्ञता गर्भवती स्त्रियों का ख्याल रखना  बच्चों के जन्म के दौरान सहायता मुहैया करना है. इसके अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध कराने वाली नर्सिंग से जुड़ी युवतियां हेल्थ वर्कर कहलाती हैं.
अब प्रश्न यह उठता है कि सेवा भावना से प्रेरित नर्सिंग के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए क्या किया जाए? वैसे कई व्यक्तिगत अस्पतालों में सेवा भावना के साथ रोजगार चाहने वाली स्त्रियों को नर्सिंग का कार्य सिखाकर एवं अनुभव देकर नर्स बना दिया जाता है परंतु यदि नर्सिंग का उचित पाठ्यक्रम करने के उपरांत इस क्षेत्र में प्रवेश किया जाए तो रोजगार की चमकीली संभावनाएं उत्पन्न हो जाती हैं. हिंदुस्तान सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने सर्वप्रथम 1946 में नर्सोंं को प्रशिक्षित करने के लिए कॉलेज ऑफ नर्सिंग की स्थापना की थी.1974 में इसका नाम बदलकर राजकुमारी अमृता कौर कॉलेज ऑफ नर्सिग, नयी दिल्ली कर दिया गया. इस कॉलेज में चार प्रकार के पाठ्यक्रमों में प्रशिक्षण दिया जाता है. इसके अतिरिक्त प्रत्येक प्रदेश सरकार मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग प्रशिक्षण के लिए स्त्रियों को आमंत्रित करती है. एक निश्चित अवधि तक सरकारी अस्पतालों में नर्सिंग काम करने के बाद वे अन्य अस्पतालों में अच्छा रोजगार पाने के लिए स्वतंत्र रहती हैं.
नर्स का काम सुनने में जितना सहज एवं सरल लगता है, वास्तव में यह उतना ही उत्तरदायित्वपूर्ण काम है. यह एक ऐसा काम है जो गांवो की युवतियों से लेकर महानगरों की युवतियों तक करियर की इस समान संभावनाएं प्रस्तुत करता है.

प्रमुख संस्थान :

1 : स्कूल ऑफ नर्सिग, सर एचएन हॉस्पिटल, मुंबई
2 : लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज, नयी दिल्ली
3 : गंगाराम मेडिकल कॉलेज, नयी दिल्ली
4 : लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल, नयी दिल्ली
5 : मूलचंद मेडिकल कॉलेज, नयी दिल्ली
6 : जसलोक मेडिकल कॉलेज, मुंबई आदि
7 : गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, अमृतसर
8 : पंड़ित भगवत दयाल शर्मा यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेस, रोहतक