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देश के आठ राज्य बारिश से बेहाल, मुंबई में छह की मौत; मानसून वापसी में देरी के आसार

गांधीनगर: महाराष्ट्र, गुजरात समेत देश के आठ राज्यों के कई हिस्से भारी बारिश से बेहाल रहे। गुजरात में पिछले 24 घंटों के दौरान कई जिलों में भारी से बेहद बारिश दर्ज की गई। वहीं, 110 किलोमीटर की रफ्तार से चली हवाओं के कारण 300 से ज्यादा पेड़ उखड़ गए और कई जगह बिजली के खंभे भी गिर गए। उधर, वाणिज्यक राजधानी मुंबई में बारिश से जुड़ी घटनाओं के कारण छह लोगों की जान चली गई। महाराष्ट्र में मौसम इतना खराब रहा है कि पुणे में प्रस्तावित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम को ही रद करना पड़ा।

मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, सूरत, वडोदरा और अहमदाबाद में कई हिस्सों में भारी बारिश हुई। सूरत और वडोदरा में 3 इंच के कारण बारिश दर्ज की गई। अहमदाबाद में भी भारी बारिश के कारण जनजीवन बाधित रहा। हालांकि, यहां पर बारिश की तीव्रता इतनी अधिक नहीं थी। तेज हवाओं से खंभे गिरने की वजह से कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित रही।

14 उड़ानों को किया गया डायवर्ट
मुंबई में बुधवार देर शाम भारी बारिश के कारण बृहस्पतिवार को भी यातायात बुरी तरह बाधित हो गया। कई लोकल ट्रेनें नहीं चलीं और 14 उड़ानों को भी डायवर्ट करना पड़ा। हालांकि, बृहस्पतिवार को दिन में अधिकांश हिस्सों में बारिश थम गई लेकिन मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए स्कूल, कॉलेज बंद रखे गए। आसपास के जिलों ठाणे, पालघर, पुणे और रायगढ़ में भी यही स्थिति रही।

मानसून की वापसी में एक हफ्ते की देरी के आसार
मौसम विभाग के मुताबिक, मानसून की आमतौर पर 5 अक्तूबर तक वापसी हो जाती है। लेकिन राजस्थान से दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई में देरी की वजह से इस बार इसकी वापसी 10-12 अक्तूबर तक होने के आसार हैं। बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव के क्षेत्र बनने से अभी इसके उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों में महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, बंगाल, सिक्किम, यूपी, उत्तराखंड और हिमाचल के कई हिस्सों में भारी से बेहद भारी बारिश का अनुमान जताया है।

थल-मुनस्यारी सड़क पर 18 घंटे थमी रही रफ्तार
पिथौरागढ़ में बारिश के बाद मलबा और बोल्डर गिरने से थल-मुनस्यारी सड़क 18 घंटे बंद रही। सैकड़ों वाहन और यात्री विभिन्न स्थानों पर फंसे रहे। उधर, गोपेश्वर में रातभर तेज बारिश के कारण बदरीनाथ हाईवे नंदप्रयाग के पास पर्थाडीप में पहाड़ी से भारी मलबा आने से बंद हो गया। इससे करीब 40-50 वाहनों में 1000 लोग यहां फंस गए। दोपहर बाद वाहनों को वैकल्पिक मार्ग कोठियालसैंण-सैकोट व पोखरी से भेजा गया।

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