देर रात खाने से हो सकती है ये 5 खतरनाक बीमारियां

अमरीका के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में हुए शोध में खुलासा हुआ कि  की आदत का दिमाग पर बुरा प्रभाव पड़ता है. गलत समय खाने से दिमाग  शरीर की जैव घड़ी का तालमेल गड़बड़ा जाता है. लंबे समय तक ऐसा होने से मस्तिष्क को नयीचीजें सीखने  उन्हें याद रखने में दिक्कतें आने लगती है.
समय से भोजन करेंगे तो होंगे ये फायदे
भागदौड़ भरी जिंदगी में खाने के लिए अक्सर लोग समय नहीं निकाल पाते हैं. साथ ही घर के खाने की बजाय बाहर से, इंस्टेंट फूड (फास्ट और जंक) खाते हैं. आयुर्वेद के अनुसार ठीकमात्रा और समय के अनुसार भोजन करने से शारीरिक और मानसिक बल, पूर्ण तृप्ति, पोषण, स्कीन की कांति और बुद्धि प्रखर होती है.

 
सुबह ब्रेकफास्ट और रात में डिनर का समय और उपाय दोनों बिगडऩे की वजह से शारीरिक दिक्कतें बढ़ रही हैं. प्रातः काल उठने के दो से तीन घंटे में नाश्ता करना चाहिए.रात आठ से नौ बजे तक डिनर महत्वपूर्ण है. डिनर हल्का और सुपाच्य होना चाहिए. इसके बाद जितना देर से डिनर करते हैं शरीर पर इसका उतना ज्यादा दुष्प्रभाव पड़ता है.
पाचन संबंधी बीमारियां होंगी
देर रात भोजन का सीधा दुष्प्रभाव पाचन क्षमता पर पड़ता है. पाचन शक्ति क्षीण होती है.भोजन अच्छे से पचता नहीं है. पेट फूलना, साफ न होना, कब्ज, बवासीर, बड़ी-छोटी आंत संबंधी बीमारियां हो सकती हैं.
अनिद्रा और थकान बढ़ेगी
देर रात खाने से भारीपन, थकान, अनिद्रा की शिकायत बढ़ती है. रात में नींद टूटती है. उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, इनफर्टिलिटी की समस्या बढ़ती है. आदतों में परिवर्तन न करने से स्कीन और कैंसर जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
Cholesterol और Obesity की प्रमुख वजह है
देर रात खाने के बाद जल्दी सोने से लिवर पर दबाव बढ़ता है. भोजन अच्छे से पचता नहीं है, यह कोलेस्ट्रॉल के रूप में जमना प्रारम्भ हो जाता है. यह फैट की चर्बी और दिल रोगों के प्रमुख कारणों में से एक है.
मस्तिष्क पर भी पड़ता है बुरा असर
पर्याप्त नींद नहीं ले पाने से मस्तिष्क पर गलत प्रभाव पड़ता है. इससे मूड में परिवर्तन की संभावना बढ़ती है. डिप्रेशन, फैसला लेने की क्षमता घटती है. दिमाग को पर्याप्त आराम नहीं मिल पाता है, चिड़चिड़ापन बढ़ता है.