कर्मचारियों की यूनियनें सोमवार को हड़ताल करेंगी जिससे सार्वजनिक परिवहन बसों पर निर्भर रहने वाले यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।डीटीसी के ठेका कर्मचारी डीटीसी संविदा श्रमिक संघ के बैनर तले गत सोमवार से हड़ताल पर है। उनकी मांगों में उस भत्ते को भी बहाल करना शामिल है जिसे एक न्यायालय के आदेश के बाद डीटीसी ने कम कर दिया था
क्यों हड़ताल कर रहे हैं ठेका कर्मचारी?
डीटीसी वर्कर्स यूनिटी सेंटर ने भी सोमवार को हड़ताल किये जाने का आह्वान किया है। इस बीच डीटीसी ने एक प्रेस बयान में कहा,‘‘दिल्ली गवर्नमेंट ने न्यूनतम वेतन दरों को बहाल किया था जो ठेका कर्मचारियों के लिए चार अगस्त, 2018 से पहले लागू थी व न्यूनतम वेतन को कम करने के आदेश वापस ले लिये थे। ’’ रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली में आज हो रही इस हड़ताल का प्रभाव 3500 से ज्यादा बसों में देखने को मिलेगा। बसे न चलने के कारण दिल्ली के तमाम मेट्रो स्टेशनों पर प्रातः काल से ही यात्रियों की भारी भीड़ देखने को मिल रही है।
DTC ने कर्मचारियों से की जल्द कार्य पर लौटने की अपील
डीटीसी ने ठेका कर्मचारियों से जल्द से जल्द अपने कार्य पर लौटने की अपील की है। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (एस्मा),1974 लगा दिया था।
2015 में हड़ताल कर चुके हैं डीटीसी कर्मचारी
उल्लेखनीय है कि इससे पहले डीटीसी कर्मचारियों ने वर्ष 2015 में हड़ताल की थी। इस हड़ताल की वजह से दिल्ली के लोगों को बहुत ज्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। आज होने वाली हड़ताल का प्रभाव दिल्ली मेट्रो में भी देखने को मिल सकता है। माना जा रहा है कि प्रतिदिन के मुकाबले आज दिल्ली मेट्रो में यात्रा करने वाले लोगों की संख्या में इजाफा हो सकता है।
ऑटो चालक भी कर चुके हैं हड़ताल
दिल्ली में पिछले दिनों से बहुत ज्यादा कर्माचारी हड़ताल कर रहे हैं। कुछ दिन पहले ही सीएनजी की कीमतों में बढोत्तरी को लेकर ऑटो वालों ने भी हड़ताल की थी जबकि टैक्सी वालों ने व्यक्तिगत कैब को लेकर बनाई गई गवर्नमेंट की नीति के विरूद्ध भी बंद बुलाया था।