दिल्ली पुलिस के हवलदार की मेरठ में हत्या

कानून व्यवस्था को लेकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आंकड़े कुछ भी कहते हों, लेकिन हकीकत यह है कानून के रखवाले भी यहां महफूज नहीं है. अपने परिवार समेत गांव से लौट रहे दिल्ली पुलिस के हवलदार की मेरठ में गोली मारकर हत्या कर दी गई. बदमाशों ने रास्ते में हवलदार की कार को रोका और लूट की कोशिश की. परिवार को बचाने के लिए हवलदार ने जब विरोध किया तो उसको मार डाला गया.

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मेरठ के किला परीक्षितगढ़ के बढ़ला गांव के निवासी सरबजीत दिल्ली के सुल्तानपुरी थाने में हवलदार थे. उनके मामा के गांव कबट्टा में स्थित गुरुद्वारे में गुरु ग्रंथसाहिब की स्थापना का कार्यक्रम चल रहा था. रविवार को हवलदार सरबजीत छुट्टी लेकर इस कार्यक्रम में शामिल होने आए थे.

शाम को जब कार्यक्रम में हिस्सा लेने के बाद अपनी पत्नी बेटी और दो बेटों के साथ कार में सवार होकर बढला गांव जा रहे थे तभी बबनपुरा संपर्क मार्ग पर कुछ बदमाशों ने कार के आगे बाइक लगा दी. बदमाशों ने कार का गेट खुलवाने की कोशिश की और जब हवलदार सरबजीत में दरवाजा नही खोला तो बदमाशों ने तमंचे की बटों से कार के शीशे को तोड़ना शुरू कर दिया.

सरबजीत ने बदमाशों की हरकत का विरोध करना चाहा तभी उनमें से एक बदमाश ने टूटे शीशे के बीच से गोली चला दी. गोली सरबजीत की गर्दन में लगी और उनकी मौके पर ही मौत हो गई. बदमाशो ने इसके बाद फायरिंग की और इस दौरान सरबजीत की बेटी को भी छर्रे लगे.

बदमाश फायरिंग करके वहां से भाग गए. इसी दौरान एक राहगीर ने पुलिस को फोन करके वारदात की जानकारी दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने सरबजीत को इलाज के लिए निजी अस्पताल में भर्ती कराया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

तब तक मौका-ए-वारदात पर सरबजीत के परिजन इकट्ठे हो चुके हैं. साथ ही आसपास के सैकड़ों ग्रामीण भी पहुँच गए और उन्होंने कैली चौराहे पर जाम लगा दिया. जाम लगने के बाद पुलिस में हड़कंप मच गया. वारदात की सूचना मिलने पर मौके पर बीजेपी के विधायक सतवीर त्यागी और दिनेश खटीक भी पहुंचे. एसपी देहात राजेश कुमार ने परिजनों को बदमाशों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया. 4 घंटे बाद जाम खुल सका.

जाम लगाने वाले ग्रामीणों की मांग थी कि सरबजीत की जान लेने वाले बदमाशों का एनकाउंटर किया जाए. मौके पर पहुंचे एसपी राजेश कुमार ने ग्रामीणों को समझाकर उनसे वायदा किया कि बदमाशों को बख्शा नहीं जाएगा. एसपी ग्रामीण ने बताया लूट का विरोध करने पर हत्या की वारदात प्रथम दृष्टया दिख रही है. मुमकिन है कि वारदात का कोई अन्य पहलू भी हो. पुलिस हर पहलू पर जांच कर रही है. साथ ही बदमाशों को ट्रेस करके उनकी गिरफ्तारी के लिए भी प्रयास तेज कर दिए गए हैं.

बदमाशों ने कार रुकवाने के बाद ड्राइवर सीट की ओर आकर सरबजीत को शीशा खोलने के लिए कहा. सरबजीत ने शीशा नहीं खोला तो एक बदमाश ने शीशे पर तमंचे का बट मारते हुए शीशा तोड़ दिया और गोली चला दी. बमुश्किल 3 मिनट के घटनाक्रम में सरबजीत की जान चली गई. सरबजीत अपने पिता का इकलौता बेटा था और बुजुर्ग माता-पिता उसके ही सहारे थे. सरबजीत की मौत से उनकी पत्नी और 3 बच्चे भी बेसहारा हो गए हैं वारदात के बाद बच्चे खौफजदा दिखे.