दक्षेस राष्ट्रों के साथ हुई मीटिंग के दौरान इस बात पर जोर दिया कि सहयोगी व आर्थिक विकास के लिए दक्षिण एशिया एरिया में शांति तथा सुरक्षा आवश्यक है। इसी मीटिंगके दौरान पाक ने हिंदुस्तान पर क्षेत्रीय प्रगति व समृद्धि को अवरूद्ध करने का आरोप लगाया। न्यूयॉर्क में चल रही संयुक्त देश महासभा की वार्षिक मीटिंग से इतर दक्षेस राष्ट्रों के साथ गुरुवार को हुई मीटिंग के दौरान स्वराज ने यह बात कही।
उन्होंने बोला कि दक्षिण एशिया को खतरे में डालने वाली घटनाओं की संख्या बढ़ी है व क्षेत्रीय तथा वैश्विक शांति एवं स्थिरता के लिए आतंकवाद अब भी सबसे बड़ा खतरा है। सूत्रों के मुताबिक स्वराज ने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि बिना किसी भेदभाव के आतंकवाद को उसके सभी रूपों में व उसकी मदद करने वाले तंत्रों को समाप्त करना महत्वपूर्ण है। ’’
बैठक समाप्त किए बिना ही लौट गईं सुषमा
स्वराज दक्षेस की मीटिंग खत्म होने से पहले ही वहां से निकल आई थीं। उनके बयान के कुछ ही देर बाद पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संवाददाताओं से बोला कि पाकचाहता है कि दक्षेस परिणामोन्मुखी बने। हिंदुस्तान का नाम लिए बगैर कुरैशी ने कहा, ‘‘हमने अगला कदम तय कर लिया है। मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि दक्षेस की प्रगति वएरिया के संपर्क तथा समृद्धि के रास्ते में सिर्फ एक अवरोधक है। ’’
ये राष्ट्र हैं दक्षेस में शामिल
दक्षेस में भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, मालदीव व श्रीलंका शामिल हैं। इसकी स्थापना दक्षिण एशिया में लोगों के कल्याण के लिए दिसंबर 1985 में की गई थी।दक्षेस की मंत्री स्तरीय मीटिंग में स्वराज ने कहा, ‘‘प्रगति व आर्थिक विकास लक्ष्यों को हासिल करने तथा हमारे लोगों की समृद्धि के लिए क्षेत्रीय योगदान हेतु शांति व सुरक्षा का वातावरण बहुत महत्वपूर्ण है। ’’