तो कुछ इस तरह की है ‘द पोस्ट’ की कहानी सुनकर दंग रह जायेंगे आप

इस फिल्म की कहानी अमेरिका की उस कंट्रोवर्सी की कहानी है जिसने 4 राष्ट्रपतियों को अपनी चपेट में लिया  देश की पहली महिला पब्लिशर  उसके एडिटर को खोजबीन करने पर विवश कर दिया सरकार  पत्रकारों के बीच की यह लंबी जंग इस फिल्म का केन्द्र है


‘द पोस्ट’ पेंटागन पेपर्स की कहानी सुनाती है जिसमें दो मुख्य किरदारों की यात्रा दिखाई गई है ये दोनों भूमिका अमेरिका के राष्ट्रपति भवन वाइट हाउस  प्रेस के बीच की जंग को सुलझाने की प्रयास करते हैं कि सरकार वियतनाम युद्ध के बारे में क्या छुपाने की प्रयास कर रही है यह फिल्म बहुत सारी एनर्जी से भरी हुई है स्टीवन स्पीलबर्ग का निर्देशन हमेशा की तरह बेहतरीन है साथ ही फिल्म की प्रोडक्शन वैल्यू  एक्टिंग बेमिसाल है पत्रकारिता के बारे में यह कमाल का ड्रामा है ‘द पोस्ट’ के बारे में सबसे अच्छी बात है इसकी गति, जिस गति से स्पीलबर्ग ने ये कहानी सुनाई है वो वाकई आपको चौंकाती है फिल्म के दो मुख्य स्तम्भ के ग्राहम (मेरिल स्ट्रीप) जो द पोस्ट की पब्लिशर हैं  मर्दों की सोच के उल्टा कमाल का कार्य करने की क्षमता रखती हैं;  बेन ब्रैडली (टॉम हैंक्स) द पोस्ट के एडिटरजो कभी ये सवाल नहीं पूछता कि अखबार में क्या छापना चाहिए क्या नहीं 

फिल्म प्रारम्भ होने के सिर्फ 15 मिनट में ही द पोस्ट जो गति पकड़ती है वो इसे एक पत्रकारिता पर आधारित ड्रामे से कहीं बढ़कर एक थ्रिलर फिल्म में बदल देती है द पोस्ट की कहानी में बहुत संभावनाएं हैं, यह एक महत्वपूर्ण कहानी है  स्टीवन स्पीलबर्ग ने कई हिस्सों को एक साथ जोड़ा है: सरकार, खुफिया बातें  झूठ-  इन सबको उठाकर प्रिंट मीडिया के न्यूजरूम में स्थापित कर दिया

अब फिल्म में मेरिल स्ट्रीप  टॉम हैंक्स मुख्य किरदार में हैं, ये एक्टिंग की जीती जागती क्लासरूम है इन दोनों के बीच की केमिस्ट्री भी फिल्म को एक अलग लेवल पर ले जाती हैफिल्म देखते हुए यकीन नहीं होता कि अब तक इन दोनों को किसी ने कभी एकसाथ कास्ट क्यों नहीं किया
लीज हैना  जोश सिंगर का स्क्रीनप्ले बहुत रिसर्च करते हुए लिखा गया कार्य है  उन्होंने वर्ष 1971 में हुए वाशिंगटन पोस्ट में छपे पेंटागन पेपर्स की कहानी बखूबी पढ़ी है
कुल मिलाकर यह बोला जा सकता है कि स्पीलबर्ग की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से द पोस्ट सबसे ऊपर रखी जा सकती है