डेबिट कार्ड व क्रेडिट कार्ड का इतना है औनलाइन पेमेंट पर चार्ज 

भारत में लगभग हर कोई डेबिट कार्ड  क्रेडिट कार्ड का उपयोग करता है. ऐसे में अब धारकों के लिए एक राहत भरा एलान होने कि सम्भावना है. जल्द ही डेबिट कार्ड  क्रेडिट कार्ड से 10 हजार रुपये तक की खरीदारी करने पर कोई शुल्क नहीं लगेगा. सरकार के इस कदम से डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा.
दरअसल मध्य प्रदेश में कार्य कर रहे बैंकों ने अपने ब्रांच मैनेजर्स से मिले फीडबैक के आधार पर यह सिफारिश स्टेट लेवल कमेटी (एसएलसी) ने हिंदुस्तान सरकार  आरबीआई (आरबीआई) से की.प्रदेश के सरकारी, प्राइवेट, सहकारी  ग्रामीण क्षेत्रीय बैंकों के मैनेजर्स से मिली सलाह पर बैंकों ने ये सिफारिश की.

इतना है औनलाइन पेमेंट पर चार्ज 

  • मौजूदा समय में प्वाइंट ऑफ सेल या कार्ड स्वैप मशीन से दो हजार रुपये तक की खरीदारी करने पर छोटे दुकानदार से बैंक 0.4 प्रतिशत या आठ रुपये का मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) लेते हैं. वहीं बड़ें दुकानदार 0.9 प्रतिशत यानी 18 रुपये का एमडीआर लेते हैं.
  • प्वाइंट ऑफ सेल या कार्ड स्वैप मशीन से 20,000 रुपये तक की खरीदारी करने पर छोटे दुकानदार से बैंक 0.4 प्रतिशत या 80 रुपये का मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) लेते हैं. वहीं बड़ें दुकानदार 0.9 प्रतिशत यानी 160 रुपये का एमडीआर लेते हैं.
20 लाख रुपये तक के टर्नओवर वाले दुकानदार छोटे दुकानदार की श्रेणी में आते हैं. वहीं 20 लाख से ज्यादा टर्नओवर वाले दुकानदार बड़े दुकानदारों की श्रेणी में आते हैं.

क्या है एमडीआर ?

बता दें कि एमडीआर दुकानदार  बैंक के बीच कारोबारी लेनदेन होता है. इसका वजन ग्राहकों पर ही डाला जाता है. दुकानदार ग्राहक से कार्ड के जरिए भुगतान पर लगने वाला शुल्क ग्राहकों से वसूलते हैं.वहीं क्यूआर कोड के जरिए भुगतान कराने वाली कंपनियां कैश बैक के जरिए यह शुल्क दुकानदार को लौटा देती हैं.
बैंकों ने की मांग
बैंकों की मांग है कि ब्रांच में होने वाले नकद व्यवहार पर एक शुल्क तय किया जाना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि बैंकों के लिए कैश हेंडलिंग खर्चीला है. इसलिए बैंक चाहते हैं कि इसका खर्च ग्राहकों पर ही डाला जाए.