डायबीटीज से दूर रहने के उपाय हमेशा आपको रखेंगे फिट

एक अध्ययन में पाया गया है कि विटामिन-सी की खुराक लेने से डायबीटीज के मरीजों को दिनभर में बढ़ा हुआ ब्लड शुगर लेवल कम करने में मदद मिल सकती है। शोध में यह भी पाया गया है कि विटमिन-सी टाइप-2 डायबीटीज वाले लोगों में रक्तचाप को कम करता है, जिससे हृदय की हालत अच्छी रहती है। सच तो यह है कि शारीरिक गतिविधि, अच्छा पोषण, डायबीटीज की दवाएं और मानक देखभाल डायबीटीज मैनेजमेंट के लिए महत्वपूर्ण हैं। यहां ध्यान देने वाली बात है कि भारत में डायबीटीज से पीड़ित 25 वर्ष से कम आयु के हर 4 लोगों में से 1 को टाइप 2 डायबीटीज है। टाइप 2 डायबीटीज वाले व्यक्ति के शरीर में इंसुलिन का सही उपयोग नहीं हो पाता और इस स्थिति को इंसुलिन प्रतिरोध कहा जाता है। अग्न्याशय या पैंक्रियाज पहले इसके लिए अतिरिक्त इंसुलिन बनाता है। हालांकि समय के साथ, पैंक्रियाज ब्लड शुगर को सामान्य स्तर पर रखने के लिए पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता है।

अगर दिन खत्म होते-होते आपको कुछ न कुछ मीठा खाने की इच्छा जरूर होती है या फिर अगर आप बिना मीठा खाए रह नहीं पाते तो यह चीनी के नशे का सामान्य लक्षण है। इसके अलावा अगर आपको दिन भर थकान महसूस होती है, ज्यादा प्यास लगती है, बार-बार पेशाब लगती है, भूख ज्यादा लगती है, चिड़चिड़ापन महसूस होता है या फिर धुंधला दिखने लगता है तो यह सब इस बात का संकेत है कि आपके शरीर में शुगर की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ गई है। हम आपको शुगर से होने वाली समस्याओं के साथ-साथ उस डायट के बारे में भी बता रहे हैं जिसे फॉलो कर बिना दवा के कंट्रोल में रहेगा डायबीटीज, यहां जानें…

– ज्यादा चीनी खाने से टेस्ट बड्स मर जाते हैं। समय के साथ चीनी टेस्ट बड्स को सुन्न कर देती है, इसलिए मीठे स्वाद के लिए उन्हें ज्यादा चीनी खाने की इच्छा होती है।

– चीनी में फाइबर और प्रोटीन नहीं होता, केवल कैलरीज होती है। इसके कारण यह शरीर में ज्यादा इंसुलिन स्रावित करता है जो वजन बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है।

– जब आप चीनी खाते हैं, तो ब्लड शुगर जल्दी बढ़ता है। बुरे ब्लड शुगर से कॉग्निशन का खतरा होता है। इससे दिमाग खाना खाने के बाद भी शांत नहीं हो पाता है।

– ज्यादा बार बीमार पड़ना इस बात का संकेत है कि आपको चीनी के सेवन की मात्रा घटानी चाहिए। दरअसल यह आपकी इम्यूनिटी को कमजोर कर बीमारियों से लड़ने की क्षमता को घटाती है।

ये हैं चीनी के नशे का सामान्य लक्षण
-लगातार काम करना

-दवाई या इंसुलिन का डोज पर्याप्त न होना

-डाइट कंट्रोल में नहीं होना

-एक्सर्साइज नहीं करना

-बॉडी में इन्फेक्शन होना

-ज्यादा तनाव लेना

-रेटिना पर असर होता है।

-किडनी पर असर होता है।

-यूरिन में प्रोटीन आने लगता है।

-नसों पर भी इसका असर होता है।

-हार्ट पर बुरा असर होता है।

ये हैं चीनी के नशे का सामान्य लक्षण
डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए एक्सर्साइज और दवाओं के साथ डायट और खाने का तरीका भी बेहद अहम है। डायबीटीज के मरीजों को हर 3-4 घंटे में थोड़ा थोड़ा खाना चाहिए। साथ ही स्ट्रिक्ट डायट प्लान फॉलो करना चाहिए। ऐसा करने से दवा से पहले डायबीटीज को डायट के जरिये ही कंट्रोल किया जा सकता है।

ब्रेकफस्ट (सुबह 8 बजे): चाय या कॉफी बिना चीनी 1 कप, पनीर या उबला हुआ अंडा, वेजिटेबल सैंडविच या खीरा-टमाटर और दो स्लाइस ब्राउन ब्रेड या नमकीन दलिया या कॉर्नफलैक्स –एक कटोरी जामुन, पपीता, अमरुद

लंच से पहले (11बजे): नींबू पानी या संतरे का जूस 1 गिलास

लंच (1 बजे): 3 चपाती या डेढ़ कप चावल साबुत दाल या काले चने के साथ। 1 कटोरी सूखी सब्जी बिना आलू वाली। 1 कटोरी दही, 100 ग्राम रंग बिरंगी सब्जियों से बने सलाद आधी प्लेट

शाम का नाश्ता (4 बजे)- चाय या कॉफी बिना चीनी, 1 कप भूने चने, भूना मक्का और 1 कटोरी मुरमुरा

डिनर (रात 8 बजे): मिक्स्ड वेजिटेबल सूप, 1 कटोरी मल्टीग्रेन वाली चपाती, 3 दाल या लोभिया या सोयाबीन की सब्जी, 1 कटोरी सीताफल/मटर/पालक/ सब्जी, 1 कटोरी खीरे का रायता या सलाद, आधी प्लेट फल

सोने से पहले- स्किम्ड मिल्क एक गिलास

– चीजों को तलने के बजाय स्टीम, बेक या ग्रील कर लें।

– स्कीम्ड मिल्क पीएं भी और इससे बनी दही या पनीर ही खाएं।

– दाल-सब्जी में ऊपर से घी डालना बंद कर दें।

– एक्सर्साइज जरूर करें। चाहें तो केवल टहलें। करीब 45 मिनट वॉक जरूरी है।

– खाना एक साथ ज्यादा न खाएं। थोड़ा खाएं लेकिन समय पर खाएं। टाइम बांध लें खाने का।

– खाने में कार्बोहाइड्रेट 40 प्रतिशत, प्रोटीन 40 और वसा 20 प्रतिशत तक ही रखें।

फैमिली हिस्ट्री में मोटापा है तो डायबीटीज का जोखिम अधिक
हालांकि टाइप 2 डायबीटीज के कारण क्या हैं और क्यों यह ट्रिगर होता है इसका कोई सटीक जवाब मौजूद नहीं है। कुछ ट्रिगर आनुवंशिक रूप से इस स्थिति के लिए पूर्व निर्धारित हो सकते हैं। जिन लोगों की फैमिली हिस्ट्री में मोटापा हो उनमें इंसुलिन प्रतिरोध और डायबीटीज होने का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है। जो लोग मोटे हैं, उनके शरीर में ब्लड शुगर के लेवल को नियंत्रित करने में इंसुलिन का उपयोग करने की क्षमता पर दबाव बढ़ जाता है। इससे टाइप 2 डायबीटीज हो सकता है। किसी व्यक्ति के शरीर में जितने अधिक फैट वाले टिशू होते हैं, उसकी कोशिकाएं उतनी ही अधिक प्रतिरोधी होती हैं।

धीरे-धीरे विकसित होते हैं टाइप 2 डायबीटीज के लक्षण
जीवनशैली कारक भी इसमें प्रमुख भूमिका निभाते हैं। टाइप 2 डायबीटीज के लक्षण समय के साथ धीरे-धीरे विकसित होते हैं। उनमें से कुछ में प्यास और भूख में वृद्धि, बार-बार पेशाब महसूस होना, वजन कम होते जाना, थकान, धुंधली दृष्टि, संक्रमण और घावों का धीमी गति से भर पाना और कुछ क्षेत्रों में त्वचा का काला पड़ना शामिल हैं। कम पोषक तत्वों वाले सस्ते भोजन की व्यापक उपलब्धता से टाइप 2 डायबीटीज की वैश्विक महामारी में इजाफा हो रहा है। सब्जियां, ताजे फलों, साबुत अनाजों और असंतृप्त वसा जैसे टाइप 2 मधुमेह के जोखिम को कम करने वाले खाद्य पदार्थों की व्यापक रूप से उपलब्धता और दाम कम किये जाने की आवश्यकता है।

डायबीटीज से बचें, इन उपायों को आजमाएं

– व्यायाम अधिक से अधिक करें। व्यायाम से विभिन्न लाभ होते हैं, जिनमें वजन बढ़ना, रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करना और अन्य स्थितियां शामिल हैं। हर दिन कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि बहुत फायदेमंद है।

– सेहतमंद भोजन खाएं। साबुत अनाज, फल और सब्जियों से भरपूर आहार शरीर के लिए बहुत अच्छा होता है। रेशेदार भोजन यह सुनिश्चित करेगा कि आप लंबी अवधि के लिए पेट भरा महसूस करें और किसी भी तरह की तलब को रोकें। जितना हो सके, प्रोसेस्ड और रिफाइंड फूड से बचें।

– शराब के सेवन को सीमित करें और धूम्रपान छोड़ दें। बहुत अधिक शराब वजन बढ़ाने की ओर ले जाती है और आपके रक्तचाप और ट्राइग्लिसराइड के स्तर को बढ़ा सकती है। पुरुषों को दो ड्रिंक प्रतिदिन और महिलाओं को एक ड्रिंक प्रतिदिन तक सीमित रखना चाहिए। धूम्रपान करने वालों को धूम्रपान न करने वालों की तुलना में मधुमेह का दोगुना रिस्क रहता है। इसलिए, इस आदत को छोड़ना एक अच्छा विचार है।

– अपने जोखिम कारकों को समझें। ऐसा करना आपको जल्द से जल्द निवारक उपाय करने और जटिलताओं से बचने में मदद कर सकता है।