ब्रीच लेवल इंडेक्स के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, इस वर्ष के शुरुआती छह महीनों में डाटा लीक की 945 घटनाएं हुईं, जिससे पूरी संसार में करीब 4.5 अरब डाटा रिकॉर्डों में सेंध लगाई गई. वहीं, हिंदुस्तान में यह आंकड़ा करीब एक अरब रहा. रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 के पहले छह महीनों में आधार डाटा लीक मामले में करीब एक अरब रिकॉर्ड प्रभावित हुए, जिनमें लोगों के नाम, पता व अन्य जानकारियां लीक की गई.
यह इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि इसमें 12 में से एक आदमी की ही जानकारी एनक्रिप्टेड द्वारा सुरक्षित की गई थी. हालांकि इस विषय में यूआईडीएआई से पूछा गया है, लेकिन फिल्हाल कोई जवाब नहीं मिला है. वहीं फेसबुक से दो अरब लोगों का डाटा लीक होने की घटना आधार के बाद विश्व में सबसे ज्यादा चर्चित रही.
यूरोप में यूके में सबसे ज्यादा मामले
रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोप में 36 प्रतिशत घटनाएं कम हुई हैं, लेकिन रिकॉर्ड लीक होने के मामलों में 28 प्रतिशत इजाफा हुआ है. यूनाइटेड किंगडम में सबसे ज्यादा डाटा लीक की घटनाएं हुई हैं.