जाने कितनी बार करना चाहिए न्‍यू कपल्‍स को सेक्‍स

अकसर न्‍यू कपल्‍स के मन में यह सवाल होता है कि उन्‍हें कितनी बार सेक्‍स करना चाहिए। सेक्‍स को लेकर ज्‍यादातर लोगों की अलग-अलग अवधारणाएं हैं। कुछ इसे सही मानते हैं, तो कुछ गलत। सिर्फ इतना ही नहीं सेक्‍स लाइफ को लेकर महिलाओं और पुरुषों के भी अनुभव बिल्‍कुल अलग होते हैं। ऐसे में जानें कैसे आपके स्‍वास्‍थ्‍य पर असर डालती हैं आपकी सेक्‍स एक्टिविटी।

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ज्‍यादा एक्‍साइमेंट

शुरूआत में अकसर न्‍यू कपल्‍स को सेक्‍स लाइफ को लेकर ज्‍यादा एक्‍साइमेंट होता है। साथ ही अनुभव की कमी के चलते यह उनके लिए पेनफुल भी होता है। कुछ इससे बचते हैं तो कुछ को बार-बार सेक्स करना पसंद होता है। कम या ज्‍यादा दोनों ही तरह से सेक्‍स एक्टिविटी सेहत पर असर डालती ही हैं।

इमोशनल बॉन्ड होता है मजबूत

सेक्स न सिर्फ फिजिकल नीड है बल्कि यह कपल्स के बीच इमोशनल बॉन्ड को मज़बूत करता है। सेक्स दो लोगों के बीच इमोशनल ज़रूरतों को समझने के बारे में है। एक स्टडी के अनुसार, जो कपल इमोशनली समानता के दायरे में होते हैं, वे सेक्स को ज़्यादा इंजॉय करते हैं।

सेक्स आपको बनाता है खूबसूरत

वैज्ञानिक दृष्टि से देखें तो ग्लोइंग स्किन और सेक्स के बीच में सीधा संबंध है। सेक्स के दौरान ब्लड का  फ्लो बढ़ जाता है जिससे स्किन में ग्लो आ जाता है।

दर्द सहने की बढ़ती है ताकत

स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी में की गई एक स्टडी के अनुसार, दर्द और भावुकता के बीच एक अनोखा अटैचमेंट होता है। इस स्टडी में जब पार्टिस‍पेंट्स को उनके प्रियजनों की फोटो दिखाई गई तो उनका दर्द 44 पर्सेंट तक घट गया। कपल्स के बीच सेक्स से इमोशनल अटैचमेंट का लेवल बढ़ जाता है, जिसकी वजह से दर्द सहने की ताकत भी बढ़ जाती है।

देता है राहत

दरअसल सेक्स के दौरान हैपी हॉर्मोन्स रिलीज़ होते हैं। इसलिए जितना ज़्यादा सेक्स और उतनी ज़्यादा खुशी। एक्सपर्ट्स के अनुसार, जो लोग ज़्यादा या बार-बार सेक्स करते हैं वे कम इमोशनल इशूज़ का शिकार होते हैं। उन्हें कम अकेलापन महसूस होता है और कम गुस्सा आता है। इससे पार्टनर्स के बीच मजबूत रिलेशन होता है क्योंकि वे कम लड़ते हैं और किसी भी परिस्थिति से आसानी से निपट सकते हैं।

सेक्स से इन्फेक्शन

ज़रूरी नहीं कि सेक्स करने के फायदे ही हों, इससे कई समस्याएं भी होती हैं जैसे कि सेक्स से महिलाओं में यूटीआई की परेशानी हो जाती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, सेक्शुअली ऐक्टिव सभी महिलाएं कभी न कभी यूटीआई (UTI) की परेशानी से गुज़रती ही हैं। जेनिटल एरिया में उपस्थित यह वायरस सेक्स की वजह से यह आराम से महिलाओं के ब्लैडर में फैल जाता है।

बार-बार टॉयलेट

महिलाओं में यह समस्या काफी आम है। टॉइलट जाने के बाद भी उन्हें ऐसा लगता है कि उन्हें टॉइलट जाना है। इसकी वजह जी-स्पॉट में सूजन हो सकती है। इस एरिया में सूजन सेक्स के दौरान आती है। यह ब्लैडर पर प्रैशर डालता है जिससे लगता है कि वह फुल है।