माता-पिता ध्यान दें, जो किशोर औनलाइन बुलिंग के शिकार होते हैं उन्हें कम नींद व डिप्रेशन (अवसाद) का सामना करना पड़ता है. एक अध्ययन ने इस बात को लेकर चेताया है.
साइबर शिकार व नींद की गुणवत्ता के बीच संबंध का पता लगाने के लिए कुछ अध्ययनों में से एक में बफेलो विश्वविद्यालय की अनुसंधान टीम ने 800 से अधिक किशोरों के बीच औनलाइन बुलिंग व अवसाद के बीच संबंधों की जाँच की.
बफेलो विश्वविद्यालय से पीएचडी के विद्यार्थी मिशोल क्वोन ने बोला कि ‘इंटरनेट व सोशल मीडिया पर साइबर उत्पीड़न सहकर्मी उत्पीड़न व किशोरों के बीच एक उभरती मानसिक स्वास्थ्य चिंता का एक अनूठा रूप है.
क्वोन ने बोला कि 15 फीसदी अमेरिकी हाई स्कूलों के विद्यार्थियों को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से तंग किया जाता है. गंभीर स्तर पर स्कूल में प्रदर्शन से लेकर, रिश्तों में दूरियां व यहां तक की आत्महत्या का कारण भी डिप्रेशन बन सकता है.
अमेरिका के किशोर स्वास्थ्य के ऑफिस के अनुसार, लगभग एक तिहाई किशोरों में अवसाद के लक्षण अनुभव हुए हैं, जिनमें नींद के पैटर्न में परिवर्तन के अलावा, लगातार चिड़चिड़ापन, क्रोध व सामाज से कटाव शामिल हैं.