पश्चिम बंगाल से पीएम नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में दो लोगों को स्थान मिली है। इनमें से एक हैं देबाश्री चौधरी जिन्हें इस प्रदेश में भाजपा के चेहरे के रूप में देखा जाता है।
चौधरी ने अपने कॉलेज के दिनों से ही पॉलिटिक्स का कखग सीखना प्रारम्भ कर दिया था। उन्होंने कई वर्षों तक पार्टी की युवा शाखा व महिला मोर्चे में कार्य किया व पिछले कुछ सालोंसे पार्टी की प्रदेश इकाई के महासचिव भी रही हैं। वर्ष 2014 में हुये चुनावों में उन्होंने बर्दवान-दुर्गापुर लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में कदम रखा।
वह करीब 17 प्रतिशत वोट पाकर तीसरे जगह पर रही। वह 2016 में हुये विधानसभा चुनावों में असफल रहीं थीं। इस बार पार्टी ने उन्हें रायगंज लोकसभा सीट से मैदान में उतारा गया। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस पार्टी के कनियालाल अग्रवाल को 60,574 मतों से हराया। सीपीएम के सलीम तीसरे जगह पर रहे, जबकि कांग्रेस पार्टी की दीपा दासमुंशी को चौथे जगहसे संतोष करना पड़ा। उन्होंने आसनसोल से पार्टी के सांसद बाबुल सुप्रियो के साथ प्रदेश मंत्री के रूप में शपथ ली।
बता दें एनडीए के नेता के तौर पर नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लगातार दूसरी बार पीएम के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में एक भव्य समारोह में मोदी और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
24 कैबिनेट मंत्रियों ने ली शपथ
नरेन्द्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में उनके अतिरिक्त 24 कैबिनेट मंत्रियों, नौ प्रदेश मंत्रियों स्वतंत्र प्रभार के सहित 57 मंत्रियों ने शपथ ली . इस बार के मंत्रिपरिषद में सुषमा स्वराज, सुरेश प्रभु, मेनका गांधी, राधा मोहन सिंह, महेश शर्मा, राज्यवर्द्धन सिंह राठौर, सत्यपाल सिंह, के जे एलफोंस को नई सरकार में जगह नहीं मिला है।
नई सरकार में उमा भारती व मनोज सिन्हा भी शामिल नहीं हैं . सुषमा व उमा ने लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा जबकि मनोज सिन्हा चुनाव पराजय गए . अनंत गीते व हंसराज अहीर चुनाव पराजय गए व वे भी मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं हैं ।
जेटली ने मंत्री बनने में जाहिर की थी असमर्थता
बता दें इससे पहले पिछले नरेन्द्र मोदी सरकार में वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली ने बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी को लेटर लिखकर नयी सरकार में मंत्री बनने में असमर्थता जाहिर की है।उन्होंने बेकार स्वास्थ्य के चलते नयी सरकार में मंत्री बनने से मना किया है।