जानिए नीतीश कैबिनेट में आज ये नए मंत्री होंगे शामिल, बीजेपी से नहीं बनेगा कोई मंत्री

राज्य मंत्रिमंडल का रविवार को विस्तार होगा. प्रातः काल साढ़े ग्यारह बजे राजभवन में गवर्नर लालजी टंडन नये मंत्रियों को शपथ दिलायेंगे.

मंत्रिमंडल विस्तार के तहत जदयू कोटे से आठ विधायक, विधान पार्षदों को मंत्रिपरिषद में स्थान मिलेगी. हालांकि वैसे 11 मंत्रिपद रिक्त हैं. एनडीए सरकार में मंत्रिमंडल के सीट बंटवारे के आधार पर बीजेपी के कोटे की एक सीट बची हुई है. लेकिन बीजेपी से किसी के मंत्री बनने की आसार वैसे नगण्य है.

जिन आठ नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा रहा है वे सभी जदयू के हैं. इनमें तीन विधान पार्षद  पांच विधायक हैं. विधान पार्षदों में डॉ अशोक चौधरी, संजय झा  नीरज कुमार, जबकि विधायकों में फुलवारीशरीफ विधायक श्याम रजक, आलमनगर के विधायक नरेन्द्र नारायण यादव, रुपौली की बीमा भारती, हथुआ के रामसेवक सिंह, लोकहा विधायक लक्षमेश्वर राय शामिल हैं. इनमें संजय झा, नीरज कुमार, लक्ष्मेश्वर राय  रामसेवक सिंह पहली बार मंत्री बनेंगे, जबकि चार लोग डॉ अशोक चौधरी, नरेन्द्र नारायण यादव, बीमा भारती  श्याम रजक नीतीश सरकार में मंत्री रह चुके हैं. मंत्री बन रहे आठ में पांच लोग जदयू संगठन से भी जुड़े हैं. संजय झा और श्याम रजक जदयू के राष्ट्रीय महासचिव, रामसेवक सिंह कुशवाहा राष्ट्रीय सचिव, नीरज कुमार पार्टी के प्रवक्ता, जबकि लक्ष्मेश्वर राय अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष हैं. सामाजिक आधार पर देखें तो शपथ लेने वाले मंत्रिपरिषद के नए सदस्यों में दो सवर्ण, दो दलित, दो अतिपिछड़ा  दो पिछड़ा वर्ग से हैं.

मंत्रिमंडल विस्तार के प्रस्ताव को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने शनिवार की दोपहर गवर्नर लालजी टंडन से राजभवन जाकर मुलाकात की. करीब आधे घंटे की यह शिष्टाचार मुलाकात चली. सीएम के गवर्नर से मिलकर लौटने के बाद ही शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां राजभवन में प्रारम्भ हो गयीं  यह देर शाम तक चलती रहीं. विश्वस्त सूत्रों की मानें तो रविवार को मंत्रिमंडल विस्तार में शामिल होने वाले सभी नेताओं को शनिवार की रात मुख्यमंत्री आवास से फोन गया.

गौरतलब हो कि रविवार को जदयू कोटे के ही मंत्रियों को शपथ दिलायी जाएगी, क्योंकि जो ग्यारह रिक्तियां हैं उनमें सर्वाधिक 9 रिक्ति जदयू कोटे की है, जबकि लोजपा  बीजेपी कोटे से एक-एक पद की रिक्ति है. 2017 में जब जदयू के साथ बीजेपी  लोजपा सरकार में आयी तभी मंत्रिमंडल में तीनों दलों का कोटा तय हो गया. विधानमंडल में सदस्यों की संख्या के लिहाज से जदयू को 20, बीजेपी को 14 को लोजपा का एक मंत्रीपद तय हुआ. गौरतलब हो कि वैसे सीएम समेत प्रदेश मंत्रिपरिषद में 25 मेम्बर हैं. यह संख्या 28 थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में जीत मिलने के बाद तीन मंत्रियों राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह, दिनेश चन्द्र यादव  पशुपति कुमार पारस ने त्याग पत्र दे दिया. 29 जुलाई 2017 को जदयू, बीजेपी  लोजपा की जब सरकार बनी तो सीएम समेत 29 सदस्यों ने शपथ ली थी. सीएम समेत जदयू के 15, सुशील मोदी समेत बीजेपी के 13 जबकि लोजपा के इकलौते मंत्री पशुपति कुमार पारस इनमें शामिल थे. इनमें से एक समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा ने मई 2018 में मुजफ्फरपुर काण्ड के बाद अपने पद से त्याग पत्र दे दिया  मंत्रिपरिषद के सदस्यों की संख्या 28 ही बच गयी.

फिलहाल 11 पद हैं रिक्त 
नियमों के मुताबिक मंत्रिपरिषद में कुल मेम्बर संख्या 243 का 15 प्रतिशत तक अर्थात मुख्यमंत्री समेत 36 मेम्बर हो सकते हैं, जबकि वैसे मुख्यमंत्री समेत 25 ही मंत्री हैं. नियमों के मुताबिक मंत्रिपरिषद में 11 पदों की वैसे रिक्ति है.

मंत्रिमंडल विस्तार में बीजेपी से नहीं बनेगा कोई मंत्री

पार्टी के वरीय नेताओं के अनुसार शनिवार को सीएम नीतीश कुमार की ओर से बीजेपी के वरीय नेताओं को मंत्रिमंडल विस्तार की आधिकारिक सूचना दी गई. जानकारी में यह भी बोलागया कि अगर बीजेपी चाहे तो वह अपने कोटे की एक सीट में पार्टी के किसी नेता का नाम दे सकता है. बीजेपी नेताओं ने जदयू से मिली इस सूचना से पार्टी केंद्रीय नेतृत्व को अवगत करा दिया. देर रात तक बीजेपी आलाकमान ने इस मामले में कोई आदेश नहीं दिया.
पार्टी के वरीय नेताओं के अनुसार मंत्रिमंडल विस्तार में बीजेपी के शामिल होने की आसार वैसे नहीं है. बताया गया कि एक सीट होने के कारण ही पार्टी इस मसले पर कोई फैसला नहीं ले रही है. वैसे भी मंत्रिमंडल में एक-दो सीट खाली रखने की परम्परा बन गई है. इस कारण ही बीजेपी अपने कोटे की एक सीट पर किसी को मंत्री बनाने से परहेज कर रही है.