ऑफिस में कामकाज के दौरान या फिर किसी दूसरे कार्य में व्यस्त रहने के दौरान गलत ढंग से बैठना आपके शरीर को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है, यही नहीं, गलत ढंग से बैठना आदमी को अपाहिज तक बना सकता है।
इसीलिए बैठने का उपाय व शारीरिक गतिविधि पर पर्याप्त ध्यान देना आवश्यक है। आज कल की बिजी हो पाता है कि लोग अपने उठने-बैठने का ख्याल रख सकें। खासकर कार्यालय टाइम में तो यह बिल्कुल भी मुमकिन नहीं हो पाता है। जिसके चलते आज के समय में लगभग 20 फीसदी युवाओं पीठ व रीढ़ की हड्डी की समस्याएं हो रही हैं।
विशेषज्ञों के मुताबिक, “एक ही स्थिति में लंबे समय तक बैठने से पीठ की मांसपेशियों व रीढ़ की हड्डी पर भारी दबाव पड़ता है। वहीं, टेढ़े होकर बैठने से रीढ़ की हड्डी के जोड़ बेकार हो सकते हैं व रीढ़ की हड्डी की डिस्क पीठ व गर्दन में दर्द का कारण बन सकती है। यही नहीं लंबे समय तक खड़े रहने से भी स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। ” डॉक्टर्स का बोलना है कि “शरीर को सीधा रखने के लिए बहुत सारी मांसपेशियों की ताकत की जरूरत होती है। इसलिए महत्वपूर्ण है कि आदमी उठते व बैठते समय अपने शरीर की गतिविधियों का ध्यान रखे।
बता दें लंबे समय तक खड़े रहने से पैरों में ब्लड की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे शरीर के अन्य हिस्सों में। यही वजह है कि ज्यादा देर तक खड़े रहने से थकान, पीठ व गर्दन की मांसपेशियों में दर्द होने लगता है। ” पीठ व रीढ़ की हड्डी की समस्याओं के लक्षणों में वजन घटना, शरीर के तापमान में वृद्धि (बुखार), पीठ में सूजन, पैर के नीचे व घुटनों में दर्द व स्कीन का सुन्न पड़ जाना शामिल है।
डॉक्टर्स का मानना है कि “योग पुरानी पीठ दर्द के लिए एक सुरक्षित व प्रभावी तरीका है, क्योंकि यह कार्यात्मक विकलांगता को कम करता है। यह इस स्थिति के साथ गंभीर दर्द को कम करने में भी प्रभावी है। यदि आप प्रातः काल उठते हैं या कुछ घंटे के लिए अपनी डेस्क पर बैठे होने पर थकान या दर्द का अनुभव करते हैं, तो यह इशारा होने कि सम्भावना है कि आपकी मुद्रा ठीक नहीं है। “