लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों में समाजवादी पार्टी (सपा) को उत्तर प्रदेश में अधिकतर सीटों पर करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा है। इस चुनाव में कुछ ऐसी सीटों से भी समाजवादी पार्टी हाथ धोने पड़े, जो अखिलेश यादव की नजर में सुरक्षित सीटें थी।
सपा की सुरक्षित सीटों में कन्नौज लोकसभा सीट भी शामिल थी, यहां से डिंपल यादव गठबंधन प्रत्याशी थीं। हार के बाद जहां सभी पार्टियों में हार के कारणों पर मंथन का दौर चल रहा है।
वहीं सपा नेता डिंपल यादव के चुनाव हारने को लेकर एक बात पर काफी चर्चा हो रही है। ये चर्चा मायावती के पैर छूने वाली घटना की है। दरअसल डिंपल द्वारा मायावती के पैर छूने पर अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव ने भी बड़ा बयान दिया था।
सपा अध्यक्ष अखिलेश की पत्नी डिंपल यादव के पैर छूने को समाजवादी संस्कार कहकर दलितों पर अपनी पकड़ मान रहे थे। लेकिन अब ये चर्चा तभी होने लगी है कि सपा का पारम्परिक यादव वोट छिटककर बीजेपी की ओर चला गया।
गौरतलब है कि कन्नौज लोकसभा सीट पर यादव वोट सबसे अधिक (करीब 2 लाख 65 हजार) हैं। मालूम हो कि डिंपल यादव द्वारा बसपा सुप्रीमो मायावती के पैर छूने के मामले में शिवपाल यादव को गुस्सा आ गया था।
शिवपाल ने कहा था बहू डिंपल ने बसपा सुप्रीमो मायावती के पैर छूकर समाजवाद को उनके कदमों में रख दिया, जिसे माननीय मुलायम सिंह यादव और मैंने मिलकर सालों की मेहनत से खड़ा किया था।
चुनाव के बाद अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल ने भतीजे पर तंज कसते हुए कहा था कि जब मुलायम सिंह जी और मैंने कभी मायवती को बहन नहीं बनाया तो वो अखिलेश की अचानक से बुआ कैसे बन गईं।
डिंपल यादव ने कन्नौज में हुई जनसभा में मायावती की जमकर तारीफ की थी। डिंपल ने कहा था उत्तर प्रदेश से बीजेपी सरकार का सफाया करने के लिए मायावती जी ने जो कदम उठाया है, उसकी हर ओर चर्चा हो रही है।