छत्तीसगढ़: अनिल जैन ने कांग्रेस पर किया हमला

भाजपा के प्रदेश प्रभारी डॉ. अनिल जैन ने कांग्रेस पर करारा प्रहार करते हुए कहा है कि भानुमती का कुनबा जोड़ने में विफल रही कांग्रेस अब झूठे वादों का पिटारा खोलने की तैयारी में है। देश को सब्जबाग दिखाकर पचास साल तक शोषण करती आई पार्टी जनता द्वारा ठुकरा दिए जाने के बाद सांता क्लाज स्टाइल में सबके लिए उपहार देने की मुनादी पीट रही है। इनके वादे कुछ होते हैं और इरादे कुछ और ही। यह बात छत्तीसगढ़ के साथ ही समूचे भारत में हर कोई परख चुका है। कांग्रेस की बंद पड़ी दुकान के सामने तरह-तरह के बोर्ड लटके नजर आने वाले हैं। लेकिन इस दुकान में लगे ताले खुलने की दूर-दूर तक कोई उम्मीद नहीं है। अब तो एक ही बोर्ड लगना बाकी है, जो जनता लगाएगी। इस बोर्ड पर लिखा होगा कि यह दुकान हमेशा-हमेशा के लिए बंद हो गई है।

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अनिल जैन ने आगे कहा कि किसानों को बोनस देने का वादा कांग्रेस आपने घोषणा पत्र में करेगी। हम किसानों के हित में उनकी इस घोषणा का स्वागत करते हुए जानना चाहते हैं कि क्या छत्तीसगढ़ में तब किसान नहीं थे जब मध्यप्रदेश के जमाने से कांग्रेस यहां राज कर रही थी। तब बोनस देने का विचार कांग्रेस के मन में क्यों नहीं आया? क्या किसान यह कभी भूल सकते हैं कि कांग्रेस राज में उनका धान-पानी में भिगो-भिगोकर देखा जाता था। इसलिए किसानों ने कांग्रेस को डुबो-डुबो कर खदेड़ दिया। नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस के घोषणापत्र के लिए जनता की राय जानने निकले और घोषणा यह करते रहे कि अजीत जोगी से पार्टी कोई भी रिश्ता जोड़ना चाहेगी तो वे हाथ जोड़ लेंगे। क्या यह मुद्दा भी घोषणा पत्र में शामिल करेंगे? जिस विपक्ष के नेता को अपनी पार्टी पर भरोसा न हो। वह पार्टी किसानों-गरीबों को कैसे भरोसा दिला सकती है कि वह वादे पर कायम रहेगी।

जिस कांग्रेस के राज में किसान कर्ज में डूबकर तिल-तिल मरता रहा। किसान अपनी उपज के वाजिब दाम मिलने की बजाय दलालों के हाथों लुटता रहा। खाद यूरिया के लिए किसानी छोड़ कतार में लगता रहा, लाठी खाता रहा। फसल चौपट होने पर कंगाल होता रहा। किसान से मजदूर बन जाने की स्थिति में पहुंच गया। जिस किसान को सिंचाई साधन और बिजली नसीब नहीं हुई। आज उसी किसान को कांग्रेस बरगलाने निकली है।