चालू वित्त वर्ष में विकास दर पर सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने जताया अनुमान, रोजगार-एआई पर भी बोले
चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था स्थिर आधार पर 6.5 से 7 प्रतिशत की दर से वृद्धि हासिल कर सकती है। केंद्र सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वर ने शुक्रवार को यह अनुमान जताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान वैश्विक स्थिति को देखते हुए यह विकास दर सराहनीय है।
बंगाल चेंबर ऑफ कॉमर्स व इंडस्ट्रीज (BCCI) की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में सीईए नागरेश्वरन ने कहा कि जहां वास्तविक वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है वहीं, महंगाई समायोजित वृद्धि दर यानी नॉमिनल ग्रोथ रेट 11 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि दुनिया मध्यम अवधि की अनिश्चितताओं का सामना कर रही है। वैश्विक व्यापार धीमा हो रहा है। लेकिन, भारत के मामले में स्थिति सकारात्मक है।
सरकार की ओर से अपनाई गई संतुलित राजकोषीय और मौद्रिक नीतियों के कारण कोरोना काल के बाद देश की अर्थव्यवस्था की रिकवरी में मजबूती आई है। नागेश्वरन ने कहा, “कोविड के बाद अर्थव्यवस्था की रिकवरी विवेकपूर्ण मैक्रोइकोनॉमिक प्रबंधन के कारण मजबूत हुई है। इसने स्थिरता के साथ आर्थिक विकास की नींव रही है।” नागेश्वरन ने कहा कि घरेलू वित्तीय बाजारों और बैंकिंग प्रणाली के सुदृढ़ रहने से देश के चालू खाते के संतुलन में कोई कमी नहीं हैं।
नागेश्वर ने कहा, ” मैक्रो संकेतक स्थिरता का संकेत देते हैं। पूंजीगत व्यय में बड़े पैमाने पर बदलाव आया है। जीडीपी के अनुपात में बाहरी ऋण में कमी आई है और खुदरा महंगाई दर में भी गिरावट दर्ज की गई है।” उन्होंने कहा कि ये सभी संकेतक देश की साख प्रणाली के बेहतर होने की गारंटी देते हैं। मुख्य आर्थिक सलाहकार के अनुसार, अर्थव्यवस्था की आपूर्ति क्षमता में इजाफा हुआ है, जिससे महंगाई को नियंत्रित करने में मदद मिली है।