चाइना ने श्रीलंका व पाक के बाद अब हिंदुस्तान के तीसरे पड़ोसी राष्ट्र म्यामार में रणनीतिक तौर पर जरूरी बंदरगाह बनाने का सौदा किया है। यह बंदरगाह बंगाल की खाड़ी में स्थित होगा। चाइना के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने शुक्रवार को बोला कि चाइना व म्यामां ने क्याउक्प्यू शहर में गहरे जल का समूद्री बंदरगाह बनाने के करार पर हस्ताक्षर किया है। दोनों राष्ट्रों ने वित्तीय एवं अन्य मुद्दों को लेकर कई वर्षों तक टलने के बाद बृहस्पतिवार को समझौता किया।
चीन इससे पहले पाक में अरब सागर किनारे स्थित ग्वादर में गहरे जल का समूद्री बंदरगाह बना रहा है। श्रीलंका में उसके पास हिंद महासागर में स्थित हंबनटोटा बंदरगाह है। ऐसा बोला जाता है कि चाइना हिंदुस्तान को घेरने के लिये ‘मोतियों की माला’ रणनीति के तहत पड़ोसी राष्ट्रों में रणनीतिक तौर पर जरूरी स्थलों पर बंदरगाह बना रहा है। हालांकि चाइना ने हमेश इन आरोपों से इंकार किया है।
ग्लोबल टाइम्स ने बोला कि चाइना की सरकारी कंपनी सिटिक ग्रुप की अगुवाई में कंपनियों के एक समूह ने म्यामां की राजधानी ने-प्सी-ताव में क्याउक्प्यू विशेष आर्थिक एरियाप्रबंधन समिति के साथ करार की रूपरेखा पर हस्ताक्षर किया।
करार के तहत चाइना निवेश का 70 फीसदी देगा जबकि म्यामां शेष 30 फीसदी का वित्तपोषण करेगा। परियोजना के प्रारंभिक चरण में 1.3 अरब डॉलर के निवेश से बनने वाला दो गोदी शामिल है। बंदरगाह के निर्माण एवं परिचालन के लिये संयुक्त उपक्रम बनाया जाएगा।