चीन के खिलाफ इस देश ने खोला मोर्चा, मिसाइलो को किया तैयार…, छेड़ने को कहा..

श्रीलंका और मालदीव जैसे एशियाई देशों में पहले ही यह दिख चुका है। बोरिस जॉनसन ने आशंका जाहिर की है कि कोविड-19 महामारी के दौर में आर्थिक मंदी की वजह से चीन के कई कर्जदार देश इस चंगुल में फंस जाएंगे।

 

अमेरिका ने बताया है कि इसके लिए किस तरह चीन बारबाडोस पर दबाव डाल रहा है। विदेश मामलों की समिति के चेयरमैन टॉम टूंगेनधत ने कहा है इस घटना से पता चलता है कि चीन किस तरह नए देशों को कर्ज नीति में फंसाकर अपने मुताबिक चलाना चाहता है।

यह देश चीन के बेल्ड एंड रोड पहल में शामिल है, जिसके तहत चीन ने गरीब देशों को बंदरगाह और हाई स्पीड रेल लाइन्स जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट के लिए बड़ी मात्रा में लोन दिया है। काम पूरा होने के बाद जब ये देश लोन वापस नहीं चुका पाते हैं तो चीन इन प्रॉजेक्ट्स पर कब्जा कर लेता है और शर्तों को मानने को मजबूर करता है।

दरअसल, ड्रैगन ने कैरेबियाई देश बारबाडोस को भी पहले अपने कर्जजाल में फंसाया और अब अपनी दादागिरी दिखाकर मनमर्जी के मुताबिक चलाना चाहता है। ऐसे में गरीब और छोटे आइलैंड को चीन के चंगुल में फंसते देख ब्रिटेन ने बीजिंग के विस्तारवाद के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। चीन ने बारबाडोस पर दबाव बढ़ा दिया है कि ब्रिटेन की रानी को देश के संवैधानिक प्रमुख की मानद उपाधि से हटा दिया जाए।

गरीब देशों को कर्ज के जाल में फंसाने की चीन की साजिश अब पूरी दुनिया के सामने आ चुकी है। इस बार ऐसी साजिश को लेकर चीन को ब्रिटेन ने फटकार लगाई है। बिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कूटनीतिज्ञों को चीन के विस्तारवाद के खिलाफ अभियान छेड़ने को कहा है।