दावा किया है कि अगले वर्ष लोकसभा चुनाव के बाद राज्य में सत्ताधारी साझेदारी को तोड़कर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस पार्टी में शामिल होना चाहते थे। बहरहाल, राणे ने इस दावे को सिरे से खारिज किया है। चेल्लाकुमार ने दावा किया कि दो महीने पहले तक राणे इस मुद्दे पर उनके संपर्क में थे।
उन्होंने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब गोवा में कांग्रेस पार्टी के दो विधायक (दयानंद सोप्ते व सुभाष शिरोडकर) सोमवार की देर रात दिल्ली रवाना हुए। ऐसी अटकलें हैं कि सोप्ते वशिरोडकर बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। दोनों कांग्रेसी विधायकों के दिल्ली रवाना होने से कुछ देर पहले राणे भी राष्ट्रीय राजधानी रवाना हुए थे।
पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में राणे वालपोई सीट से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते थे, लेकिन कुछ ही दिनों में उन्होंने विधायक पद व कांग्रेस पार्टी से त्याग पत्र दे दिया वसत्ताधारी बीजेपी में शामिल हो गए। चेल्लाकुमार ने सोमवार को बताया, ‘‘सत्ताधारी पक्ष के कई लोग मेरे संपर्क में थे। हमारे दोस्त विश्वजीत राणे अक्सर मुझे फोन करते थे व उनमें भयथाउन्होंने दो महीने पहले भी मुझसे बात की थी। ’’
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि राणे कहते थे कि वह कांग्रेसी हैं व हमेशा कांग्रेसी ही रहेंगे। वह ‘‘भाजपा को तोड़ देंगे’’ व कांग्रेस पार्टी में वापस आ जाएंगे। इन दावों को खारिज करते हुए राणे ने बोला कि चेल्लाकुमार ‘‘हताश इंसान’’ हैं, क्योंकि वह अपनी पार्टी के लोगों को एकजुट नहीं रख पा रहे।
भाजपा नेता राणे ने कहा, ‘‘मेरा उनसे (चेल्लाकुमार से) कोई संपर्क नहीं है। उन्होंने (कांग्रेस ने) तो उच्चतम कोर्ट तक में मेरे विरूद्ध (अयोग्यता का) केस कर रखा है। मेरी कोई दिलचस्पी नहीं है व मैंने कभी उनसे संपर्क नहीं किया। हालांकि, उन्होंने मुझसे संपर्क की प्रयास जरूर की। ’’
मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के लंबे समय से अस्वस्थ होने की वजह से गोवा में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। यहां पर्रिकर के व्यक्तिगत आवास पर गोवा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के चिकित्सक उनका उपचार कर रहे हैं। गोवा की 40 सदस्यों वाली विधानसभा में पर्रिकर गवर्नमेंट को 23 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इनमें बीजेपी के 14, जीएफपी वमहाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के तीन-तीन विधायक हैं जबकि तीन विधायक निर्दलीय भी हैं। कांग्रेस पार्टी गोवा में सबसे बड़ी पार्टी है। उसके 16 विधायक है।