बिहार में इन दिनों पहुंच रहे भाजपा के बड़े-बड़े नेतआों को विरोध झेलना पड़ रहा है। भाजपा नेताओं को अलग-अलग संगठनों द्वारा लगातार काला झंडा दिखाकर विरोध झेलना पड़ रहा है। विपक्षी दलों समेत एससी-एसटी आरक्षण के विरोध में सवर्ण सेना के लोगों का विरोध भाजपा नेताओं व केंद्रीय मंत्रियों को झेलना पड़ रहा है। विरोध झेलने वाले नेताओं में स्मृति ईरानी का नाम भी शामिल हो गया है।
दरअसल, कंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता स्मृति ईरानी बिहार के गोपालगंज में एक प्रोग्राम में शामिल होने पहुंची हैं। लेकिन स्मृति ईरानी को यहां विरोध का सामना करना पड़ा। हालांकि स्मृति ईरानी के बिहार पहुंचते ही कार्यकर्ताओं ने उनका भव्य स्वागत किया। लेकिन गोपालगंज पहुंचते ही उन्हें भारी विरोध का झेलना पड़ा।
स्मृति ईरानी के काफिले को एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने घेर लिया व जमकर उनके विरूद्ध नारेबाजी की। वहीं, नारेबाजी के साथ-साथ उन्हें काला झंडा भी दिखाया गया। स्मृति ईरानी गोपालगंज में युवा संकल्प सम्मेलन को संबोधित करने पहुंची। लेकिन आयोजन में पहुंचने से पहले ही उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा।
एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने उन्हें काला झंडा दिखाकर केंद्र गवर्नमेंट के विरूद्ध नारेबाजी कर रहे थे। साथ ही एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं द्वारा काला झंडा दिखाने के बाद भाजपाकार्यकर्ता भी सामने आ गए। व काला झंडा दिखाने वाले एनएसयूआई कार्यकर्ताओं की पिटाई कर दी।
वहीं, पुलिस ने विरोध करने वाले कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया है। स्मृति ईरानी का प्रोग्राम गोपालगंज के मिंज स्टेडियम में आयोजित की गई थी।
इसके अतिरिक्त स्मृति ईरानी के प्रोग्राम से पहले ही कुछ असमाजिक तत्वों ने शहर में लगे बैनर पर कालिख पोत दी। शहर में लगे कई पोस्टरों में स्मृति ईरानी के चेहरे पर कालिख पोती गई है। हालांकि सूचना जैसे ही मिली तो भाजपा के कार्यकर्ताओं ने उन पोस्टरों को तत्काल हटाकर वहां दूसरा पोस्टर लगा दिया है।
आपको बता दें कि मंगलवार को केंद्रीय मंत्री व भाजपा नेता राम कृपाल यादव को भी भयंकर विरोध का सामना करना पड़ा। मुजफ्फरपुर में गरीब जनक्रांति पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उनकी गाड़ी को रोक कर स्याही फेकी गई। वहीं, काले झंडे दिखाकर जोरदार प्रदर्शन किया गया। बताया जाता है कि राम कृपाल यादव भाजपा के प्रोग्राम में शामिल होने मुजफ्फरपुर पहुंचे थे।
वहीं, इससे पहले सवर्ण सेना के लोगों ने आरक्षण के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय व भाजपा नेता मनोज तिवारी को भी विरोध का सामना करना पड़ा।