गृहमंत्री अमित शाह ने उठाया ये बड़ा कदम , सबसे पहले जान ले किसान

गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक में गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी के नेतृत्व में कमेटी गठन का निर्णय लिया गया। यह कमेटी लद्दाख की भाषा, संस्कृति एवं भूमि के संरक्षण तथा लद्दाख के लोगों की विकास में सहभागिता के समुचित समाधान के लिए कार्य करेगी।

 

इस कमेटी में गृह मंत्री से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल से नामित व्यक्ति, लद्दाख से निर्वाचित सदस्यगण, लद्दाख ऑटोनॉमस हिल डेवलपमेंट काउंसिल (एलएएचडीसी)के सदस्य तथा भारत सरकार एवं लद्दाख प्रशासन के पदेन सदस्य होंगे। कमेटी के सदस्य मिलकर प्रतिनिधिमंडल की चिंताओं का समाधान करेंगे।

केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख के विकास और भाषा तथा संस्कृति के संरक्षण के लिए गृहमंत्री अमित शाह ने अहम कदम उठाया है। उन्होंने बुधवार को गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी के नेतृत्व में एक कमेटी के गठन का फैसला किया है। यह कमेटी लद्दाख के विकास में स्थानीय निवासियों की सहभागिता को बढ़ावा देने के साथ समस्याओं का समाधान भी करेगी।

दरअसल, गृहमंत्री अमित शाह से बुधवार को लदाख के एक प्रतिनिधिमंडल ने बैठक कर केंद्रशासित प्रदेश से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार लद्दाख के विकास और उसकी भूमि व संस्कृति के संरक्षण के प्रति संकल्पित है और सरकार ने लद्दाख के लोगों की दशकों से लंबित संघ शासित राज्य की मांग को पूर्ण कर अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाया है।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने फिर कहा है कि नए कृषि कानूनों से छोटे किसानों को लाभ मिलेगा और उनका जीवन स्तर ऊंचा होगा। अखिल भारतीय किसान संगठन के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान बुधवार को यहां केंद्रीय मंत्री तोमर ने यह बात कही। पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के नाती और संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष संजय नाथ सिंह के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने तोमर से मुलाकात कर नए कृषि कानूनों का समर्थन किया। संजय नाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने यह साहसिक कदम उठाया है जो भारतीय कृषि के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है और यह अवसर भी है।

किसानों के प्रतिनिधिमंडल को कृषि मंत्री तोमर ने बताया कि नए कानूनों के प्रावधान देश के बहुसंख्यक छोटे किसानों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने वाले हैं।

उन्होंने कहा, “नए कृषि कानूनों से किसानों को अपनी कृषि उपज उपभोक्ताओं तक पहुंचाना आसान होगा। भारत सरकार ने किसानों की तरक्की व कृषि क्षेत्र की समग्र प्रगति के लिए एक लाख करोड़ रुपये के कृषि इंफ्रास्ट्रक्च र फंड से भी लाभ पहुंचाना शुरू कर दिया है।”

तोमर ने कहा कि गांव-गांव तक छोटे किसानों को खेती तथा कृषि उपज संग्रहण व विपणन के लिए साधन-सुविधाएं मुहैया कराने से उन्हें वास्तविक लाभ मिलेगा। खेतों के नजदीक ही वेयरहाउस व कोल्ड स्टोरेज आदि सुविधाएं होने से किसान अपनी उपज को कुछ समय रोककर बाद में अच्छे दाम मिलने पर बेच सकेंगे, जिससे उनकी आमदनी बढ़ेगी।

उन्होंने कहा कि दस हजार नए एफपीओ बनाने के लिए सरकार पांच साल में 6,850 करोड़ रुपये खर्च करेगी, जिसमें हरेक एफपीओ को दो करोड़ रुपये तक का लोन तीन प्रतिशत की ब्याज सब्सिडी के साथ मिल सकेगा, वहीं एफपीओ सामान्य ब्याज दर पर इससे ज्यादा भी लोन ले सकते हैं।