क्या और कैसे होती है PCOD/PCOS बीमारी, भारत की हर दूसरी महिला है इससे परेशान

इस भाग -दौड़ भरी जिंदगी में लोग न वक़्त पर न खानाखा पारहे हैं, ना नींद ले पा रहे हैं और न ही खुद की सेहत का ख्याल रख पा रहे हैं,और बात महिलाओं की होतो स्थितिऔर भी बिगड़ जाती है। घर, दफ्तर, बच्चों के बीच संतुलन बनाने में वह फसी रहती हैं। जिस में वह हमेंशा खुद को भूल दूसरों की सेहत का ध्यान रखती है। और एसे में उन पर तनाव का स्तर अधिक भी रहता है। इन सब के बीच वह अपनी सेहत से समझौता करती हैं।

आज के जमाने में महिलाओं की स्थिति अधिक विचारनीय है
इस तरह के लाइफ स्टाइल से महिलाओं के द्वारा अपने शरीर को अनदेखा करने से विभिन्न प्रकार की समस्याएं पैदा होती है।जिनमें से एक है PCOD/PCOS बीमारी। कुछ सालों पहले तक यह समस्या 30-35 उम्र की महिलाओं में अधिक पाई जाती थी पर अब स्कूल जा रही बच्चियों और 20 वर्ष की महिलाओं में भी यह समस्या आम हो गई है। इस बिमारी से ग्रस्त औरतों को इस के साथ साथ और भी अनेक बीमारियां होने का खतरा बना रहता है।

क्या है PCOS
पॉली सिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) या पॉली सिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर (PCOD) एक ऐसी मेडिकल कंडिशन है। जिसमें आमतौर पर रिप्रोडक्टिव उम्र की महिलाओं में हॉर्मोन में असंतुलन (hormonal imbalance) के कारण पाई जाती है। इसमें महिला के शरीर में male हॉरमोन – ‘Androgen’ – का लेवल बढ़ जाता है व ओवरीजपर एक से ज्यादा सिस्ट हो जाते हैं।
यह Genetically भी हो सकता है और ज्यादावज़न होने पर भी इसके होने की संभावना बढ़ जाती है। ज्यादातनाव भरी जिंदगी भी इसका एक मुख्य कारण हो सकती है।

क्या है इस के संकेत/ लक्षण
बता दें कि जिन लड़कियों में पीरियड्स की समस्या देखने को मिलती है उन्हीं लड़कियों को पॉली सिस्टिक ओवेरियन डिजीज (PCOD) की समस्या का सामना करना पड़ता है। अगर कम उम्र के चलते ही इस समस्या का पता लग जाए तो इसे काबू में किया जा सकता है।

वजन बढ़ना
मासिक धर्म चक्र में
थकान
शरीर व चेहरे पर एक्सट्रा हेयर ग्रोथ होना
बाल पतले होना
pelvic pain होना
मुंहासे
सिर दर्द
नींद की समस्याएं और मूड स्विंग आदि शामिल हैं
इसके अलावा हाइ ब्लड प्रेशर, diabetes व दूसरे हॉर्मोन्स का असंतुलन भी इसके बढ़ने पर हो सकते हैं। ये कंडिशन ज़्यादा गंभीर होने पर महिला को pregnant होने में भी मुश्किल होती है।

कैसे करें PCOS से बचाव?
पीसीओएस ठीक नहीं हो सकता, लेकिन इसके साथ Healthy Food के साथ अपनी जीवनशैली और Daily Routine में थोड़ा बदलाव लाकर इस को रोका जासकता है।

वज़न कंट्रोल करें
नियमित Exercise करें
घरेलू उपाय करें
सही लाइफस्टाइल का चुनाव करें
खान-पान का रखे ध्यान
तो Ladiesअब इस बीमारी से डरने या घबराने की जरुरत नही बस जिंदगी मे ये छोटे- छोटे बदलाव लाएं और इसका डट कर मुकाबला करें।