कानपुर के शांतनु मिश्र ने इस डर से छोड़ी आर्मी की नोकरी, फिर किया ये…

कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) 2019 में ऑल इंडिया 15वीं रैंक हासिल करने वाले कानपुर के शांतनु मिश्र का चयन आर्मी में अधिकारी पद के लिए हो गया था. 2017 में 12वीं करने के बाद ही उन्होंने एनडीए की फाइनल इम्तिहान उत्तीर्ण कर ली थी.

ऑल इंडिया 267 रैंक थी, लेकिन पापा का सपना था कि शांतनु वकालत के पेशे में आएं. शांतनु बताते हैं कि चूंकि वह घर में इकलौते लड़के थे, इसलिए सेना में अधिकारी बनने पर पापा थोड़ा चिंतित भी थे. पिता को चिंता में देख शांतनु ने निर्णय लिया कि वह एनडीए की बजाय वकालत को ही अपना कॅरियर बनाएंगे.

शांतनु किदवई नगर के रहने वाले हैं. पिता चंद्रप्रकाश मिश्रा फैमिली न्यायालय में पेशकार  मां आशा मिश्रा गृहिणी हैं. बड़ी बहन प्रज्ञा मिश्र डीसी लॉ कॉलेज से एलएलबी की पढ़ाई कर रही हैं. शांतनु बताते हैं कि एनडीए छोड़ने के बाद उन्होंने क्राइस्ट चर्च कॉलेज से बीए में एडमिशन ले लिया. उन्हें साइंस पढ़ना भी पसंद है.

12वीं के दोस्त बड़े-बड़े संस्थानों में प्रवेश लेने लगे तो मैंने भी कुछ अलग करने की ठान ली. तभी क्लैट की जानकारी मिली  शांतनु ने तैयारी प्रारम्भ कर दी. पहली बार क्लैट में बैठे ऑल इंडिया 15वीं रैंक हासिल कर ली.

एनएलयू बंगलुरु से आया ऑफर
क्लैट 2019 का रिजल्ट आते ही शांतनु को देश के टॉप एनएलयू बंगलुरु से एडमिशन का ऑफर आ गया. 2017 में उन्होंने सेंट थॉमस स्कूल से 12वीं की इम्तिहान 95 फीसदी अंकों के साथ उत्तीर्ण की थी. 10वीं में 95.2 फीसदी अंक थे.

विदेश से एलएलएम करने का सपना
शांतनु बताते हैं कि पांच वर्षीय एलएलबी करने के बाद उनके पास कई ऑप्शन हैं. सबसे ज्यादा वह स्कॉलरशिप हासिल करके विदेश से एलएलएम करना चाहते हैं. इसके अतिरिक्तपीसीएस-जे की तैयारी भी करेंगे. हाईकोर्ट-सुप्रीम न्यायालय में बतौर अधिवक्ता वकालत करने का भी विकल्प लेकर चल रहे हैं.

सफलता के दिए टिप्स
– छह से सात घंटे रेगुलर पढ़ाई करिए.
– सामान्य ज्ञान के लिए प्रतिदिन अखबार पढ़ें. खुद को हमेशा अपडेट रखें.
– इंग्लिश मजबूत करने के लिए नॉवेल  अंग्रेजी अखबार का अध्ययन करें.